बनारस से कानपुर के बीच गंगा किनारे से आसमान की ओर उठने वाले प्रदूषणकारी तत्व बादलों को कर रहे हैं डिस्टर्ब

नासा और BHU की ओर से किये जा रहे जॉइंट रिसर्च में सामने आयी बात

VARANASI

बादल घेरे तो खूब, पर बिना बरसे आगे निकल जायें तो 'नीचे के लोग 'ऊपर वाले' को कोसना शुरू कर देते हैं। पर भाई मेरे, बादलों की इस बदमिजाजी के पीछ भगवान का नहीं हमारा ही हाथ है। जी हां, बनारस से कानपुर के बीच गंगा तटीय शहरों से आसमान की ओर उठने वाले प्रदूषणकारी तत्व (एयरोसॉल) अब बादलों को डिस्टर्ब कर रहे हैं। जिसके चलते बादलों का मिजाज बदल रहा है। पिछले दस सालों में बारिश में आई असमानता इसका मुख्य असर हो सकता है।

सेंसर्स ने कलेक्ट किये आंकड़े

शुक्रवार की मध्य रात्रि में बीएचयू के फिजिक्स डिपार्टमेंट से छोड़े गए नासा के दो गुब्बारों में लगे सेंसर्स के द्वारा भेजे गये आंकड़ों के अध्ययन में ये बात सामने आयी है। आंकड़ों ने नासा के ही नहीं भारतीय वैज्ञानिकों के भी होश उड़ा दिये हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस अभियान से जुड़े बीएचयू के भौतिकी विज्ञान विभाग के प्रो। अभय कुमार सिंह की मानें तो यह चिंताजनक स्थिति है। आसमान में फ्फ् किलोमीटर की ऊंचाई पर एयरोसॉल जो गुल खिला रहे हैं, इससे बादलों का स्वभाव बदल रहा है। नतीजा बारिश का मिजाज भी अपने मूल स्वभाव को खो रहा है।

प्रदूषकों की मात्रा अधिक

प्रो। अभय कुमार सिंह बताते हैं कि धरती से करीब तीन किमी ऊंचाई तक प्रदूषक तत्व बहुत ज्यादा हैं। आश्चर्य की बात यह है कि ख्8 किमी की ऊंचाई के बाद एयरोसॉल फैल जा रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है इसकी सटीक जानकारी तो आंकड़ों के सूक्ष्म विश्लेषण के बाद ही मिल सकेगी। वैसे अभी तक के प्रारंभिक अध्ययन में सल्फर डाई आक्साइड की मात्रा अधिक पाई गयी है जो एसिड रेन का कारण बन सकती है। इसके अलावा बरसात के दिनों में वातावरण में पार्टिकल्स का मिलना अपने आप में चिंता का विषय है।

आज होगी अंतिम लॉचिंग

रविवार की रात को एटमॉस्फियर में फैले जहरीले गैसों की नाप के लिए अंतिम बैलून की लांचिंग की जायेगी। प्रो। अभय कुमार सिंह बताते हैं कि हमारे प्रोजेक्ट का यह अंतिम बैलून होगा। एयर ट्रैफिक कंट्रोल से हमें रविवार रात क्ख् बजे तक का ही परमीशन है। इसके पहले शनिवार की रात में छोड़े गये दो बैलून ने अच्छी ऊंचाई तय की। एक बैलून लगभग ख्9 किमी तो दूसरा फ्ख् किमी ऊपर तक गया और वहां आंकड़े कलेक्ट किये हैं। दोनों बैलून मीरजापुर जिले में उतरे। एक खमरिया तो दूसरा नंदीनी गांव में उतरा था। स्थानीय लोगों ने पुलिस की मदद से उसे सुरक्षित बीएचयू के फिजिक्स डिपार्टमेंट तक पहुंचाया।

Posted By: Inextlive