देश विदेश से जुटे सात लाख रैदासी आज मनाएंगे संत की जयंती मंदिर के ट्रस्टी मेंबर बोले म्यूजियम और संत रविदास की प्रतिमा लगाकर सीर को बनाया धाम


वाराणसी (ब्यूरो)संत रविदास की जन्मस्थली सीर पहले से और हाईटेक हो चुका है। सड़कें टनाटन तो लाइट लकदक नजर आया। छित्तूपुर गेट से लेकर संत रविदास मंदिर के आगे तक सफाई चकाचक रही। इस बार पिछले साल की अपेक्षा 30 परसेंट अधिक रैदासी आए और गुरु चरणों में शीश नवाए। सीर का कोना-कोना गुरुभक्ति में लीन-तल्लीन रहा। हर रैदासी गुरु चरणों की धूल माथे पर लगाने के लिए आतुर रहा। सभी पीएम मोदी के कार्यों को देखकर काफी प्रसन्न दिखे। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 में संत रविदास की जन्मस्थली में 25 फीट ऊंची प्रतिमा, म्यूजियम बनाने की घोषणा की थी, जिसे उन्होंने पूरा किया.

यूथ रहे लीन

सीर में इस बार देश-विदेश से आए रैदासियों में सबसे अधिक भीड़ यूथ की है। सिर पर रुमाल बांधे और हाथ में माला-फूल लिए कतारबद्ध रहे। लाइन एक हिस्सा रविदास मंदिर के अंदर तो पिछला हिस्सा छित्तूपुर तिराहे तक जा पहुंचा। हर मन संत रविदास का नाम जपने में लीन रहा। सुबह से लाइन में लगे-लगे दोपहर बाद संत रविदास गुरु का भक्तों ने दर्शन किया.

हाईटेक किचन

सीरगोवर्धन स्थित संत रविदास के जन्मस्थली पर गुरु की जयंती मनाने आये लाखों रैदासियों के लिए चलने वाले लंगर में बनने वाले खाने के लिए रसोई पूरी तरह से हाईटेक बनाई गई है। एक बार में एक हजार रोटियां सेंकी जा रही हैं। पिछले साल इसी रसोई में गेहंू पिसने वाली आधुनिक आटा चक्की भी लगाई जा चुकी है, जिसमें एक दिन में सौ क्विंटल गेहंू की पिसाई होती है। लाखों भक्तों के एक साथ जुटने पर लंगर में किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए पहले से ही तैयारी की जा चुकी है। आटा गूथने वाली मशीन को लगाया जा चुका है। साथ ही मशीन से सब्जी काटी जा रही है.

पांच हजार सेवादार

लंगर के लिए सैकड़ों टन जलावन की लकड़ी का स्टाक किया गया है। इसकी काट-छांट में बड़ी संख्या में सेवादार लगाने होते थे लेकिन पिछली जयंती से पहले इसके लिए भी मशीन लगा दी गई। इसके अलावा आलू छीलने और सब्जी काटने की मशीन के साथ ही रोटी गरम रखने के लिए बड़े ओवन को भी लगाया गया है.

रसोई में नहीं घुटता दम

संत रविदास के जन्मस्थली पर बनी हाईटेक रसोई में खाना पकाने वालों की सेहत का भी पूरा ध्यान रखा गया है। कई क्विंटल लकडिय़ों के जलने के बाद भी लोगों का दम नहीं घुट रहा। तीन बड़ी चिमनी लगाई गई है, जो भ_ी से निकलने वाले धुएं को गड्ढे के माध्यम से सीधे बाहर ले जाती है। पानी के लिए बड़ी टंकी और बिजली के लिए 125 केवीए का बड़ा जेनरेटर भी लगाया गया है.

सुबह चाय-नाश्ता, दोपहर में भोजन

श्रीगुरु रविदास जयंती की व्यवस्था देख रहे ट्रस्टी केएल सरोए व मैनेजर निर्मल सिंह ने बताया कि हर वर्ष भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए व्यवस्था को विस्तार दिया जा रहा है। लंगर में प्रात: चाय- नाश्ता, दोपहर में भोजन, तीन बजे चाय- नाश्ता और रात में लंगर छकने का इंतजाम किया गया है। इसमें खाने के साथ मीठा और नाश्ते में सकरपाला, मठरी व पंजाबी नमकीन भी रखा गया है। प्रतिदिन खाने का मीनू बदल जाता है.

सात दिनों तक चलेगा लंगर

सेवादार व लंगर व्यवस्था देख रहे निरंजन दास चीमा ने बताया कि मंदिर की तरफ से इस बार सात दिनों तक अटूट लंगर चलेगा्र। इसमें सात लाख से ज्यादा लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है। संत रविदास का आशीर्वाद और पीएम मोदी के कार्यक्रम के चलते पिछले साल की अपेक्षा डेढ़ से दो लाख रैदासी अधिक आए हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी ने जो कहा, उन्होंने पूरा किया। सीर में उन्होंने काफी विकास कार्य कराया है.

निरंजन दास चीमा, मंदिर के ट्रस्टी मेंबर

संत रविदास की स्थली सीर में लाखों रैदासी आए हैं। प्रधानमंत्री भी तीन बार आ चुके हैं.

मंदीप दास, अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

Posted By: Inextlive