शहर के अस्पताल स्कूल पार्क आदि की जानकारी देने वाला साइन बोर्ड नहीं दिख रहे अंधा मोड़ तीब्र मोड़ और पुल आदि के प्रति नागरिक कैसे हो अलर्ट अंधरापुल लहरतारा लंका कमच्छा रथयात्रा समेत कई स्थानों पर नहीं हैैं साइन बोर्ड

वाराणसी (ब्यूरो)शहर में सुचारू और स्मूथ आवागमन के लिए ट्रैफिक विभाग, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के संयुक्त प्रयासों से रोड किनारे साइन बोर्ड लगाए जाते हैैं। इससे स्कूल से निकलने वाले बच्चों, अस्पताल जाने वाले पेशेंट, तीब्र व अंधा मोड़ आदि के प्रति वाहन चालक सतर्क हो जाएं और रफ्तार धीमी कर लें। जिससे स्वयं वाहन चालक और अस्पताल-स्कूल से निकलने वाले पेशेंट और बच्चे घायल न हो सके। लेकिन बनारस में संबधित विभागों की लापरवाही के चलते बहुत ही कम संवेदनशील स्थानों पर बोर्ड लगा है। इससे शहर में हादसे हो रहे हैैं। साथ ही लोगों में अच्छा मैसेज कनवे नहीं हो रहा है.

यहां नहीं दिखता है साइन बोर्ड

शहर के अतिव्यस्तम स्थानों में शुमार अंधरापुल, लहरतारा, लंका, कमच्छा, रथयात्रा, मैदागिन, लहुराबीर, जगतगंज, चेतगंज, कबीरचौरा, इंग्लिशिया लाइन और भोजूबीर समेत दर्जन भर से अधिक स्थानों पर स्कूल-कॉलेज, अस्पताल और तीव्र या अंधा मोड़ है। इन स्थानों पर पब्लिक को अवेयर करने साइन बोर्ड नहीं लगाए गए गई है, जो है भी तो क्षतिग्रस्त और उनके रंग उड़े हुए है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है.

बढ़े है हादसे

शहर में पब्लिक प्लेसेज पर लगने वाले संकेतकों के नहीं होने से वाहन चालक हादसे के शिकार हो रहे हैैं और दूसरे को भी कर रहे हैैं। फिर भी इस घटना के प्रति जिम्मेदारों का ध्यान नहीं जा रहा हैैं। इसमें सबसे संवेदनशील स्कूल और अस्पताल हैैं। कई स्टंटबाज, वाहन चालक बगैर किसी जागरूकता और जिम्मेदारी के चलते फर्राटा फरते हुए गुजरते हैैं। इससे कई बार हादसे भी हुए है.

कब जागेंगे जिम्मेदार

शहर की सड़कों पर साइन बोर्ड लगाने का काम पीडब्ल्यूडी, नगर निगम व यातायात विभाग के संयुक्त प्रयासों से दिशा सूचक और स्थानों को इंगित करते हुए साइन बोर्ड लगाए जाते हैैं। लेकिन, इन विभागों की उपेक्षा और आलस से स्मार्ट सिटी की खूबसूरती और स्मूथ आवागमन फिलहाल तो किसी सतरंगी सपने सरीखा है.

क्या कहा है सीएम योगी ने

हाल ही में सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक करते हुए अधिकारियों को चेताया कि रोड सेफ्टी से जुड़े मानकों को 48 घंटे को अंदर अभियान चलाकर पूरा कर लिया जाए। सीएम योगी की कितना सुनते हैैं, ये बात किसी से छिपी नहीं है। बहरहाल, साइन बोर्ड के रोड पर कुछ यूं लिखे लगते है.

-आगे स्कूल है

-आगे अस्पताल है

-आगे अंधा मोड़ है

-आगे ब्रेकर हैैं

-आगे बाजार है

-आगे एकल मार्ग है

-आगे ओवरब्रिज है

-आगे चर्च, मस्जिद, मंदिर, गुरुद्वारा व अन्य धार्मिक स्थल हैैं

रोड पर साइन बोर्ड लगाने के लिए स्पॉट को चिंहित किया जा रहा है। बैनर फ्लैक्स के ऑर्डर भी दिए जा रहे हैैं। जल्द ही शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर पब्लिक को अवेयर करते हुए साइन बोर्ड लगा दिया जाएगा.

सुग्रीव राम, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी

साइन बोर्ड के नहीं होने से आसपास के जनपदों से आए लोगों को स्कूल, अस्पताल आदि के लोकेशन की सटीक जानकारी नहीं होने से वे अपने वाहन की गति को कंट्रोल में नहीं रखते हैैं। लिहाजा, हादसे हो जाते हैैं.

मनोज मौर्य, अध्यापक

सीएम योगी ठीक ने फैसला लिया है। रोड सेफ्टी को प्राथमिकता में शामिल कर गंभीरता से प्रयास को सड़कों पर आवागमन को सुरक्षित करने का प्रयास विभाग करें.

जीतेंद्र कुमार सिंह, यूथ

शहर में बहुत से हादसे रूट की जानकारी नहीं होने पर हो जाते हैैं। यदि रोड साइन बोर्ड और इनपर सुस्पष्ट स्पॉट चेतावनी संदेश लिखे जाए तो हादसों में कमी लाई जा सकती है.

प्रभात कुमार सिंह, चिकित्सक

विद्यापीठ, इंग्लिशिया लाइन, कबीरचौरा आदि इलाकों में साइन बोर्ड है ही नहीं। यदि है भी तो बदहाल है। विभाग इनका रंग-रोगन कर फिर से रोड सेफ्टी के रूल्स लिखवाए। इससे स्मार्ट सिटी की खूबसूरती बनी रहेगी.

प्रभंजन यादव, नागरिक

Posted By: Inextlive