संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री की परीक्षा पास करने वाले स्टूडेंटस के मेडिकल और प्रवेश पत्र देने के बाद सेना में धर्म गुरु-शिक्षक पद पर भौतिक सत्यापन के लिए रोक लग गई है. ऐसे में इन अभ्यथियों ने विवि प्रशासन से मांग की है कि इनकी डिग्री पर शास्त्री की जगह बीए लिखा जाना चाहिए ताकि इनका भविष्य संवर सके. वहीं अब तक विवि प्रशासन अभ्यर्थियों की मांग को पूरा करने में कोई जल्दबाजी नहीं करता दिख रहा है जबकि छात्रों को अपनी डिग्री में सुधार कराने के लिए सेना भर्ती बोर्ड ने 12 दिन का समय दिया है. इस बीच अभ्यर्थियों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया है ताकि विवि प्रशासन जल्द से जल्द कदम उठाए.

वाराणसी (ब्यूरो)सेना भर्ती में धर्मशिक्षक की लिखित परीक्षा से वंचित रह रहे अभ्यर्थियों में विवि प्रशासन को लेकर आक्रोश पनपने लगा है। गुरुवार को अभ्यर्थियों ने कॉलेज परिसर में हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें पहले दिन लगभग पौने दो सौ अभ्यर्थियों ने मांग पत्र पर हस्ताक्षर कर अपनी आवाज बुलंद की। छात्रों का कहना था कि हम सामूहिक तौर पर विवि प्रशासन से मांग करते हैं कि हमारे भविष्य को देखते हुए जल्द ही इस समस्या का समाधान करे।

नहीं मान रहा सेना भर्ती बोर्ड
जानकारी के मुताबिक शास्त्री डिग्री वालों को इस बार सेना भर्ती धर्मशिक्षक लिखित परीक्षा से वंचित किया जा रहा है। जबकि विवि की ओर से यूजीसी में शास्त्री की डिग्री को बीए के समकक्ष दर्ज कराया जा चुका है। साथ ही जारी राजपत्र में भी कहा गया है कि शास्त्रीय डिग्री बीए ऑनर्स के समकक्ष मान्य है, इसके बावजूद भी सेना भर्ती बोर्ड नहीं मान रहा है, जिससे अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है।

दो महीने से घूम रहे अभ्यर्थी
धर्मशिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि वो दो महीने से विवि प्रशासन का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन समस्या के स्थायी समाधान के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। हरेराम त्रिपाठी की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। अभ्यर्थियों से मिली जानकारी के मुताबिक अभ्यर्थियों का 10 सदस्यीय दल इस मामले को लेकर दो बार सेना मुख्यालय, नई दिल्ली भी जा चुका है, लेकिन समाधान अब तक नजर नहीं आया है।

रक्षा मंत्री से हो चुकी है मुलाकात
विवि से मिली जानकारी के मुताबिक शास्त्री डिग्री के कुल कुल 765 अभ्यर्थी हैं जो सरकारी नौकरी के लिए प्रयासरत हैं। हालाकि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। हरेराम त्रिपाठी ने हाल ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक हल नहीं निकलने से अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में ही लटका हुआ है।

अभ्यर्थी बताते हैं परेशानी
सेना भर्ती बोर्ड की ओर से धर्म शिक्षक की लिखित परीक्षा में पहली बार शास्त्री की डिग्री को मान्य नहीं मिलना चिंताजनक है। इस समस्या के समाधान के लिए हम कई बार विवि प्रशासन से मिल चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ है।
- शुभम, अभ्यर्थी

वर्तमान में धर्म शिक्षक अभ्यथियों के मार्कशीट पर शास्त्री के साथ बीए नहीं लिखा होने के कारण हमें मुख्य परीक्षा एवं रोजगार से संबंधित परीक्षा से वंचित होना पड़ रहा है।
- सुरेंद्र, अभ्यर्थी

शास्त्री में लिखी डिग्री में बीए नहीं लिखे होने पर अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। सरकारी नौकरी पाने में समस्या हो रही है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
- अनूप, अभ्यर्थी

हम कई बार विवि प्रशासन को मांग पत्र दे चुके हैं। जबकि हमें सेना की तरफ से कुछ ही दिन का समय दिया गया है, इसके बावजूद विवि प्रशासन अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहा।
- रजनीश, अभ्यर्थी

सेना में होने वाले परीक्षा के लिए कहा गया है कि जब तक शास्त्री की जगह बीए नहीं लिखा होगा, तब तक तुम्हारी डिग्री को नहीं मानी जाएगी। ऐसे में परेशानी बढ़ गई है।
अंकित, अभ्यर्थी

संस्कृत विवि में आए दिन कोई न कोई समस्या रहती है। प्रवेश देने के बाद लिखित परीक्षा में रोका जाना कहीं से भी उचित नहीं है और विवि प्रशासन भी अब तक खामोश है।
- अरविंद, अभ्यर्थी

सेना में धर्मशिक्षक के पद पर जाने के लिए संस्कृत विवि के सैकड़ों अभ्यर्थियों का जीवन अधर में लटक गया है। हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द ही समाधान निकलवाएं।
- जयप्रकाश, अभ्यर्थी

हमें कुलपति की ओर से आश्वासन दिया गया था कि रक्षा मंत्री से मिलकर जल्द ही समाधान निकाला जाएगा, लेकिन विवि प्रशासन ने बात की है या नहीं कोई जानकारी तक नहीं मिली है।
- अभय, अभ्यर्थी


हमने इस मामले को लेकर रक्षा मंत्री से बात की है और उनसे भी आश्वासन मिला है। इसके अलावा हमने आपात बैठक बुलाई है, जिससे की समाधान जल्द निकाला जा सके।
- प्रो। हरेराम त्रिपाठी, कुलपति

Posted By: Inextlive