-काशी विद्यापीठ ने संशोधित की छात्रसंघ नियमावली

-कैंडीडेट को यूनिवर्सिटी या एफिलिएटेड कॉलेजेज में से किसी एक में चुनाव लड़ने का मिलेगा चांस

VARANASI: छात्रसंघ चुनाव लड़ने के लिए अब सिर्फ एक मौका मिलेगा चाहे जीतें या हारें। इसके बाद वे एफिलिएटेड कॉलेजेज में भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस प्रकार उनके लिए छात्रसंघ के दरवाजे हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे। इस संबंध में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने छात्रसंघ नियमावली में एक बार फिर संशोधन किया है। इतना ही नहीं संशोधित छात्रसंघ नियमावली को एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने भी मंजूरी दे दी है। ऐसे में नए सेशन से यह प्रभावी भी हो जाएगी।

यूनिवर्सिटी या कॉलेज

हालांकि पुरानी छात्रसंघ नियमावली में भी स्टूडेंट्स को एक बार ही इलेक्शन लड़ने की छूट दी गई थी, लेकिन इस बात का उल्लेख नहीं था कि वह दूसरे संस्था में इलेक्शन नहीं लड़ सकेगा। संशोधित नियमावली में अब इसे स्पष्ट कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटी या इससे एफिलिएटेड कॉलेजेज में एक बार छात्रसंघ पदाधिकारी का इलेक्शन लड़ लेने के बाद कैंडीडेट को दोबारा मौका नहीं मिलेगा। यदि वह यूनिवर्सिटी व इससे एफिलिएटेड कॉलेजेज में दोबारा पर्चा दाखिला करता है तो उस पर विचार नहीं होगा।

घटी उम्र की सीमा

संशोधित नियमावली में लॉ ग्रेजुएशन के स्टूडेंट के लिए उम्र सीमा भी एक साल कम कर दी गई है। पहले इन स्टूडेंट्स के लिए इलेक्शन लड़ने की उम्र सीमा ख्भ् वर्ष निर्धारित थी। अब इनके लिए उम्र की सीमा ख्ब् साल कर दी गई है। यही नहीं आयु की गणना नॉमिनेशन डेट से की जाएगी।

Posted By: Inextlive