जिले में 70 फीसदी महिलाएं अपने ही घर में हो रहीं प्रताडि़त 30 फीसद मामलों में काउंसिलिंग के बाद समझौता महिला थाना वूमन सेल वन स्टाप सेंटर में एक साल के अंदर करीब तीन हजार से अधिक शिकायतें आईं

वाराणसी (ब्यूरो)यूपी सरकार ने सेफ सिटी योजना के तहत काशी में महिला सुरक्षा के इंतजाम को लेकर एक बार फिर तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन वाराणसी में महिलाएं घर की चारदीवारी में ही असुरक्षित हैं। घर के बाहर मनचलों और अपराधियों पर लगाम लगाने को लेकर कानून और सरकारों की आलोचनाएं की जाती हैं, लेकिन बाहर के साथ-साथ महिलाएं घर में भी असुरक्षित हैं। महिलाओं को घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा एवं मारपीट का शिकार होना पड़ रहा है। महिला थाना, वूमन सेल, वन स्टाप सेंटर में औसतन हर दिन 12 शिकायतें आती हैं, जिसमें 70 फीसदी महिलाएं अपने ही घर में प्रताडि़त हो रही हैं.

आंकड़ों के मुताबिक बाहर से ज्यादा महिलाएं अपनों के बीच ही असुरक्षित हैं। लगातार महिला उत्पीडऩ की शिकायतें महिला थाना, वूमन सेल, वन स्टाप सेंटर में आ रही हैं। औसतन हर दिन महिला थाना में 6, वूमन सेल में 4 और वन स्टाप सेंटर में 2 शिकायतें आती हैं। यानी एक साल में करीब तीन हजार से अधिक शिकायतें पहुंची हैं। इसमें करीब 23 सौ शिकायतें घरेलू हिंसा से जुड़ी हैं। इन शिकायतों में महिलाओं के साथ मारपीट, दहेज और मानसिक प्रताडऩा देने जैसे मामले शामिल हैं। हालांकि काउंसलिंग के लिए हिंसा की शिकायतों में समझौता कराने की पूरी कोशिश की जाती है.

काउंसिलिंग से परिवारों को बचाने की कोशिश

घरेलू हिंसा के लगभग दो हजार मामलों में से छह सौ मामलों में काउंसिलिंग के बाद समझौता भी कराया गया है। वन स्टाप सेंटर की प्रबंधक रश्मी दुबे ने बताया कि घरेलू हिंसा की शिकायतों में दोनों पक्षों की काउंसिलिंग की जाती है। ताकि टूटते घरों और दरकते रिश्तों को बचाया जा सके। हालांकि मामले की गंभीरता को देखकर ही कार्रवाई की जाती है.

महिलाओं की सेफ्टी के होंगे इंतजाम

पर्यटन सिटी काशी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा से मांग रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में वाराणसी को सेफ सिटी योजना में शामिल किया है। इसके तहत यहां महिलाओं की सुरक्षा के लिए योजनाबद्ध तरीके से विशेष कार्य किए जाएंगे। इससे शहर की महिलाओं की सुरक्षा और मजबूत होगी। सेफ सिटी योजना के तहत काशी में महिला सुरक्षा को लेकर पिंक बूथ भी बनाए जाएंगे। इन बूथों पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। ताकि महिलाओं की शिकायतों का तुरंत निपटारा हो सके। बूथों को महिला अपराध संभावित क्षेत्रों पर लगाया जाएगा। यह बूथ वाराणसी के अलग-अलग इलाकों में हाईवे और एक्सप्रेसवे पर भी बनाए जाएंगे.

20 फीसद महिलाएं कामकाजी

काशी में 14 लाख महिला मतदाता हैं। इसमें से 20 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं नौकरीपेशा या फैक्टरी संचालिका हैं। इनमें से 30 प्रतिशत ऐसी महिलाएं हैं जो यहां के एमएसएमई सेक्टर की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में काम करती हैं। इनकी सुरक्षा काफी अहम है। इनकी सुरक्षा को लेकर ही बजट में सेफ सिटी योजना को तरजीह दी गई है.

महिला उत्पीडऩ पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास जारी है। ज्यादातर मामलों में दहेज प्रताडऩा, शादी-विवाह को लेकर विवाद और पति-पत्नी में झगड़ा समेत मारपीट की शिकायतें आती हैं, जिसका महिला थाना, वूमन सेल, वन स्टाप सेंटर में काउंसलिंग के जरिए समझौता कराया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार विधिक प्राधिकरण में महिला से जुड़े विवादों का निस्तारण भी होता है.

ममता रानी, एडीसीपी, महिला अपराध

Posted By: Inextlive