छात्र शैक्षिक संस्थानों के हृदय होते हैं और नए पाठ्यक्रम एवं सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों के साथ उनके शैक्षणिक अनुभव और सामुदायिक जीवन का उत्थान हमारे संकाय सदस्यों और मेरे प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. यह बात पद्श्री से सम्मानित व अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने शुक्रवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बीएचयू के 28वें कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के दौरान कही.

वाराणसी (ब्यूरो)। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रो। जैन ने आह्वान करते हुए बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय जी के एक शताब्दी से भी पूर्व के समावेशिता, महानता और उत्कृष्टता के दृष्टिकोण का ध्यान में रखकर इस विशिष्ठ संस्थान को विश्व के महान विश्वविद्यालयों की श्रेणी में स्थापित करने के हमारे साझा लक्ष्य में परामर्श, समावेशिता, पारदर्शिता, सामूहिकता और पारस्परिक सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।

कार्यवाहक कुलपति को धन्यवाद और शिक्षकों से सहयोग मांगा
प्रो जैन ने बीएचयू के कुलगुरू प्रो वीके शुक्ल, जो पिछले करीब दस महीने से बीएचयू में कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्य कर रहे थे, को उनकी सेवाओं और योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने बीएचयू के शिक्षकों और कर्मचारियों से विश्वविद्यालय की क्षमता और उम्मीदों को साकार करने के लिए व्यक्तिगत, सामूहिक और सहयोगात्मक रूप से कदम बढ़ाने का आह्वान किया।


कुलपति प्रो। सुधीर कुमार जैन का जीवन परिचय

- प्रो जैन ने 12 वर्षों तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर के संस्थापक निदेशक के रूप में कार्य किया।
- उन्हें वर्ष 2020 में भारत सरकार द्वारा विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
- डॉ जैन ने भारत में भूकंप अभियांत्रिकी की कार्यप्रणाली और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- प्रो जैन ने भारत में कई महत्वपूर्ण भूकंपीय कोड के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।
- अपने सतत् शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से भूकंप अभियांत्रिकी में हजारों पेशेवर अभियंताओं और कॉलेज के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है।
- प्रो जैन ने आईआईटी कानपुर में भूकंप अभियांत्रिकी के राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसीईई) की स्थापना की।
- भारत सरकार की ओर से समर्थित राष्ट्रीय भूकंप इंजीनियरिंग शिक्षा कार्यक्रम (एनपीईईई) विकसित किया।
- प्रो जैने ने सेतु और पेट्रोकेमिकल पाइपलाइन जैसी कई प्रमुख परियोजनाओं के लिए सलाहकार के रूप में कार्य किया।
- 150 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।
- प्रो जैन ने शोध रुचियों में विनाशकारी भूकंप, प्रबलित कंक्रीट की इमारतें, सेतु और भूकंपीय कोड का अध्ययन शामिल है।
- डॉ जैन को वर्ष 2021 में यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के एक अंतरराष्ट्रीय सदस्य (आज तक भारत से चुने गए केवल 18 लोगों में से एक)।
- वर्ष 2019 में अकादमिक या अनुसंधान उत्कृष्टता के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की से विशिष्ट पूर्व छात्र सम्मान प्राप्त हुआ।
- प्रो जैन ने वर्ष 2014-18 तक इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर अर्थक्वेक इंजीनियरिंग के अध्यक्ष (इस पद को धारण करने वाले दूसरे भारतीय) के रूप में कार्य किया।
- वर्ष 2021 में एसोसिएशन के मानद सदस्य के रूप में चुने गए।
- वर्ष 2003 में इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग का फेलो चुने गए।
- वर्ष 2013 में न्यूजीलैंड सोसाइटी फॉर अर्थक्वेक इंजीनियरिंग (एनजैडएसईई) द्वारा आजीवन सदस्यता प्रदान की गई।
- डॉ जैन वर्ष 1984-2019 से 35 वर्षों तक आईआईटी कानपुर के संकाय सदस्य थे।
- प्रो जैन ने रुड़की विश्वविद्यालय से अभियांत्रिकी में स्नातक (1979) और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पासाडेना से स्नातकोत्तर (1980) और डॉक्टरेट (1983) की उपाधि प्राप्त की है।

Posted By: Inextlive