- टीचर्स की नियुक्तियों में हुई अनियमितता को लेकर शासन सख्त

- मैनेजमेंट पर खाली सीट्स का विवरण छिपाकर नियुक्ति करने का आरोप

टीचर्स की नियुक्तियों में हुई अनियमितता को लेकर शासन सख्त है। इस क्रम में प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक के टीचर्स के दस्तावेजों की दोबारा जांच की जा रही है। वहीं पिछले दो दशकों में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में हुई टीचर्स की नियुक्तियों का विवरण भी तलब किया है।

नियुक्तियों पर लगे हैं आरोप

दरअसल शासन डीआईओएस के जरिये हर साल स्कूल्स से शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा (अधियाचन) मांगती है। ताकि रिक्त पदों पर चयन आयोग अध्यापकों की नियुक्ति कर सके। वहीं कई स्कूल्स के प्रबंधतंत्र पर रिक्त पदों का ब्योरा शासन से छिपाकर नियुक्ति कर लेने का आरोप है। मैनेजमेंट टीचर्स की कमी दिखा कर पहले अस्थायी नियुक्ति करते हैं। बाद में शिक्षा विभाग की साठगांठ से इन नियुक्तियों को रेगुलर करा लेते हैं। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने डीआइओएस से दो दशकों में हुई नियुक्तियों का पूरा विवरण मांगा है। इसके अलावा विभाग को भेजे गए अधियाचन की रिपोर्ट भी तलब की है। ताकि नियुक्तियों पर लग रहे आरोपों की प्रारंभिक जांच की जा सके। शासन के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय नियुक्तियों का विवरण तैयार करने में जुटा हुआ है।

Posted By: Inextlive