-केजीबीवी की टीचर्स की चयन प्रक्रिया को लेकर उठा सवाल

-कम अंक वाले चार अभ्यर्थियों को जारी किया गया नियुक्ति पत्र

शासन के निर्देश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की अंशकालिक, पूर्णकालिक टीचर्स व वार्डेनों के सर्टिफिकेट व ज्वॉइनिंग लेटर का समिति नए सिरे से जांच कर रही है।

प्रारंभिक जांच में मेरिट सूची में घालमेल होने की आंशका भी जताई जा रही है। अधिक मा‌र्क्स हासिल करने वाले अभ्यर्थियों की अनदेखी कर कम अंक वाले चार अध्यापिकाओं की नियुक्ति कर दी गई है। संदेह के आधार पर जांच समिति सभी अभ्यर्थियों की मेरिट सूची मिलान करने में जुटी हुई। बहरहाल बीएसए भी जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

पिछले दिनों फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला के नियुक्ति के प्रकरण को देखते हुए सूबे के सभी केजीबीवी की अध्यापिकाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर पर सवाल उठ रहा है। इसे देखते हुए शासन ने केजीबीवी की अध्यापिकाओं की नियुक्ति नए सिरे से जांच कराने का निर्देश दिया है। शासन के निर्देश पर बीएसए राकेश सिंह ने सेवापुरी के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) डीपी सिंह की अध्यक्षता से तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। समिति में चिरईगांव के बीईओ राम टहल व जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) दुर्गावती बतौर सदस्य शामिल हैं। समिति पिछले दस दिनों से जांच-पड़ताल में जुटी हुई है। जिले के केजीबीवी में नियुक्त सभी 88 अंशकालिक, पूर्णकालिक अध्यापिकाएं व वार्डेन को मूल प्रमाणपत्र जमा करा लिए गए हैं। समिति के सदस्य ने सभी टीचर्स के मूल अंकपत्र, प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित रिकार्ड का मिलान कर रहे हैं। अध्यापिकाओं को बीएसए आफिस बुलाकर आधार कार्ड का ऑनलाइन सत्यापन किया जा रहा है। बीएसए राकेश सिंह ने जांच पूरी होने का दावा भी किया है। कहा कि समिति रिपोर्ट बनाने में जुटी हुई है। दो दिनों के भीतर रिपोर्ट तैयार हो जाने की पूरी संभावना है। कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद किसी शिक्षकों के चयन प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी मिली तो उसकी नियुक्ति रद की जाएगी।

Posted By: Inextlive