- बाबा प्रभुदयाल ने मंदिर की रखी थी नींव

- मूर्ति स्थापित करके आरती और टीका में मिले पैसे से कराया था निर्माण

वाराणसी। दिल में मां संतोषी की आस्था करके कौड़ी-कौड़ी पैसे जमा किए। मां का मंदिर बनाने के लिए इन पैसों से जमीन खरीदी और यहीं पर श्री संतोषी माता की प्रतिमा स्थापित की। मां की पूजा-अर्चना के बाद चंदन-टीका से जो चंद रुपए मिले। उन्हें इकट्ठा करके मां को छाया के लिए छत बनाकर मंदिर का स्वरूप दिया। मंदिर में निराश्रितों को आश्रय देने की सोच लेकर कमरे भी बनाए। मां के प्रति अपार श्रद्धा और परोपकारी सोच के साथ ही शायद बाबा प्रभुदयाल ने मंदिर की नींव रखी थी, लेकिन उनकी इस दयालु सोच की हत्या करने की कोशिश की जा रही है। शनिवार को गोलियों की तड़तड़ाहट ने गलत मंशा को साबित भी कर दिया।

बाबा प्रभुदयाल पालिवाल संकट्ठा मंदिर के पुजारी थे। उन्होंने शक्ति नगर, खोजवा में लगभग 3 बिस्सा जमीन खरीदी और श्री संतोषी माता का मंदिर बनवाया। स्थानीय लोगों के अनुसार 1988 से 90 के बीच उनका देहांत हो गया। इसके बाद मंदिर की जायदाद का वारिस बनने की दावेदारी शुरू हुई। मंदिर परिसर के घरों में निवासरत लोगों को वहां से बाहर किया गया। ट्रस्ट ने मंदिर की देखरेख शुरू की। इसमें अतर सिंह की प्रमुख भूमिका अहम रही। मंदिर का पूरा संचालन अतर सिंह ने अपने हाथों में ले लिया। मंदिर के पुजारियों की नियुक्ति करते रहे और कुछ सालों में बाहर का रास्ता दिखाते रहे। लेकिन पंडित रवि पाठक एक दशक से भी ज्यादा समय से पुजारी के रूप में कार्यरत है। उन्हें स्थानीय लोगों का साथ भी है। वह ही मंदिर की संपत्ति में एक बाधा हैं। इसे लेकर ही शनिवार रात को अतर सिंह के भाई राजबहादुर सिंह ने मंदिर परिसर पहुंचकर विवाद शुरू किया। मौके पर अतर सिंह भी पहुंच गए और सरेराह गोलियों की तड़तड़ाहट से मंदिर के आसपास का इलाका खौफजदा हो गया। इस घटना में पुजारी रवि पाठक के सहयोगी और हिंदूवादी संगठन से जुड़े अभिषेक पांडेय गोलियां लगी। वहीं गुस्साएं लोगों ने अतर सिंह और उसके भाई राजबहादुर दोनों को पीट दिया। दोनों को इलाज के बाद रविवार को जेल भेज दिया गया है।

संतोषी माता की 3 करोड़ की संपत्ति पर बुरी नजर

शक्ति नगर, खोजवा में श्री संतोषी माता मंदिर अंतर्गत 3 बिस्सा जमीन है। इस जमीन की वर्तमान कीमत आसमान छूने लगी है। मंदिर की जमीन की कम से कम कीमत आंकी जाए, तो 3 करोड़ रुपए है। जबकि बाजार मूल्य 5 से साढ़े पांच करोड़ रुपए बताया जा रहा है। श्री संतोषी माता की संपत्ति को हड़पने को लेकर ही पिछले तीन-चार सालों से ज्यादा जोर चल रहा है, जिसका शोला शनिवार गोलीबारी में बदल गया।

Posted By: Inextlive