डि-नोटिफिकेशन कराने के बाद ही जमीन देने पर बनेगी सहमति

ट्रांसपोर्ट नगर वाले स्थल पर टाउन प्लानिंग स्कीम को आकार देने के लिए प्रयासरत विकास प्राधिकरण की टीम को गुरुवार को किसानों का विरोध झेलना पड़ा। हालात ऐसे हो गए कि बाद में वीडीए की टीम को बैरंग लौटना पड़ा।

बैरवन के पंचायत भवन के बगल में करीब 80 किसानों के साथ दोपहर ढाई बजे से शाम साढे चार बजे तक चली बैठक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई। किसानों ने वीडीए को कठघरे में खड़ा करते हुए विश्वासपात्र नहीं होने का आरोप लगाया। कहा कि वीडीए की कथनी और करनी में अंतर है। पहले जमीन का डि-नोटिफिकेशन कराएं और वीडीए की स्वामित्व वाली जमीन पर किसानों का नाम दर्ज कराएं तब किसान सही दिशा में आगे बढ़ेंगे।

डि-नोटिफिकेशन का भेजा गया है प्रस्ताव

किसानों के साथ वार्ता के लिए पहुंचे एसडीएम विनोद कुमार सिंह ने किसानों को समझाया कि उनकी जमीन को डि-नोटिफिकेशन कराने के लिए विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी संयुक्त संगठन की ओर से प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, तो किसानों ने कहा कि उसमें तेजी लाकर खतौनी में किसानों का नाम दर्ज कराएं।

जिनकी जमीन, वह नहीं कर रहे हैं राजनीति

बैरवन, करनाडांडी, सरायमोहाना व मिल्कीचक के किसानों के साथ वार्ता तो किसी नतीजे पर नहीं पहुंची लेकिन बाद में कुछ किसानों ने एसडीएम से मुलाकात की और बताया कि साहब हम लोग जमीन देने को तैयार हैं लेकिन यहां जिनकी जमीन नहीं है वह राजनीति कर रहे हैं। करीब सात से अधिक किसानों ने कहा कि एक सप्ताह बाद हमलोग चकबंदी का कुछ सुझाव देंगे उसे इस योजना में शामिल किया जाए। बैठक में ट्रांसपोर्ट नगर योजना से प्रभावित चारों गांव के प्रधान के अलावा राजस्व निरीक्षक सत्तार अंसारी, रामजनम यादव, अमीन विवेक पाठक, लेखपाल अनिल कुशवाहा व किसान नेता मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive