-चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के निर्माण के लिए रखे सामानों को उड़ा रहे चोर

-चार साल में अब तक लाखों का सरिया व अन्य सामान हो चुका है गायब

-निगरानी के लिए तैनात हैं 25 ठेकेदार, फिर भी चोरी पर नहीं लग पा रहा है लगाम

VARANASI : बनारस में चोरों के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि सड़क से गाड़ी और घरों से सामान उड़ाने के साथ ही चोर अब सरकारी सामानों पर भी तेजी से हाथ साफ कर रहे हैं। चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के निर्माण कार्य शुरू होने के कुछ ही दिनों के बाद से ही यहां रखे पुल निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामानों की चोरियां भी शुरू हो गई। सूत्रों की मानें तो बीते चार साल में यहां से अब तक लाखों का सामान चोरी हो चुकी है जिसका हिसाब विभाग के पास भी नहीं है। ऐसा तब है जबकि इन सामानों की रखवाली करने के लिए यहां 25 चौकीदारों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके बाद भी चोर सरिया, छड़ और लोहे के सामान उड़ाने में कामयाब हो जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि चोर पकड़ में नहीं आ रहे है। पिछले दो तीन माह में यहां दर्जनों चोर पकड़े भी जा चुके हैं। इनमें ऑटो चालक तक शामिल पाए गए हैं लेकिन इन्हें बगैर कार्रवाई के ही छोड़ दिया गया।

विस्तारीकरण का चल रहा काम

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो सेतु निर्माण निगम द्वारा चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के विस्तारीकरण का काम पिछले चार सालों से कराया जा रहा है। तब से लेकर अब तक अनगिनत सामान गायब हो चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक अब तक चोरी गए सामानों की कीमत लाखों में रही। फिर भी चोरी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

अब बड़े सामान पर कर रहे पार

बताया जाता है कि पहले जहां चोर मामूली सामानों पर हाथ साफ कर रहे थे, वहीं अब बड़े और महंगे सामान गायब हो रहे हैं। किसी दिन लोहे का प्लेट गायब मिल रहा है तो किसी दिन मोटे छड़ के चोरी होने की बात सामने आ रही है। ऐसा नहीं है कि यहां निगरानी के लिए कर्मचारी नहीं हैं। पुल निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामानों की सुरक्षा के लिए सेतु निगम की ओर से 1800 मीटर के दायरे में कुल 70 चौकीदार लगाए गए हैं। इनमें से 35 चौकीदार दिन में व 35 रात में ड्यूटी करते हैं। मतलब करीब 51 मीटर पर एक चौकीदार की तैनाती है। इसके बाद भी अगर यहां रखे सामानों की चोरी हो रही है तो यह समझा जा सकता है कि ये कैसी चौकीदारी है।

 

तो इसलिए नहीं कराते एफआईआर

अधिकारिक सूत्रों की मानें तो यहां पिछले चार साल में दर्जनों बार सामान गायब करते चोरों को रंगे हाथ दबोचा गया है, लेकिन पकड़ गये किसी भी चोर पर न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही एफआईआर दर्ज कराया गया। वहीं अधिकारियों का कहना है कि चोरी करने वालों में ज्यादातर कैंट स्टेशन पर नशा करने वाले होते हैं, पकड़े जाने के बाद अगर इन्हें मारा पीटा गया और उस बीच इन्हें कुछ हो गया तो उसका इल्जाम भी उन पर आ सकता है। इसलिए रिस्क नहीं लिया जाता।

 

सामान चोरी होने की हो रही घटनाओं की जानकारी है। अभी तक जितने भी चोर पकड़े गए हैं वे अधमरे टाइप के रहे, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहंी की गई। निर्माण कार्य वाले एरिया में नशेड़ी चोर इंट्री न कर सकें, इसके लिए चौकीदारों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

अरुण कुमार सिंह, परियोजना प्रबंधक, सेतु निर्माण निगम

Posted By: Inextlive