- आज तीसरी सोमवारी पर बाबा विश्वनाथ का होगा विशेष श्रृंगार

- बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ भक्तों को अर्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन देंगे

आज सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ भक्तों को अर्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन देंगे। मान्यता है कि सृष्टि के निर्माण के लिए शिव ने शक्ति को स्वयं से अलग कर दिया था। शिव पुरुष के द्योतक हैं तो उनकी शक्ति स्त्री की। पुरुष शिव और स्त्री शक्ति के एक होने के कारण शिव नर और नारी दोनों हैं। इसलिए उनको अर्धनारीश्वर भी कहा जाता है। शिव के इस विशेष स्वरूप के श्रृंगार को अर्धनारीश्वर श्रृंगार कहा जाता है। परंपरानुसार यह श्रृंगार सप्तऋषि आरती के बाद किया जाता है। इसके बाद भक्तों को झांकी दर्शन के लिए करीब एक घंटे का सौभाग्य प्राप्त होता है। इधर, सावन के तीसरे सोमवार को बाबा के दर्शन और जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु रविवार देर रात से ही कतारबद्ध हो गए थे। बीच-बीच में वह हर-हर महादेव का उद्घोष भी कर रहे थे।

हर छह घंटे पर सैनिटाइज

आज सामवार भोर में मंगला आरती के बाद आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बाबा का झांकी द्वार खोल दिया जाएगा। मंदिर में दर्शन-पूजन के दौरान कोविड गाइडलाइन का अनुपालन किया जाएगा। बिना मास्क के किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सुरक्षाकर्मी सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्कै¨नग करने के बाद ही मंदिर में प्रवेश देंगे। वहीं श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए मंदिर परिसर को हर छह घंटे पर सैनिटाइज किया जाएगा। आपात स्थिति के लिए डॉक्टर, एंबुलेंस और एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है।

बाबा दरबार दर्शन को पहुंचे

इससे पहले रविवार को रिमझिम फुहारों के बीच लोग परिवार संग बाबा दरबार दर्शन को पहुंचे। सुबह से देर रात तक बाबा दरबार में हजारों भक्तों ने मत्था टेका। वहीं गंगा में स्नान को भी काफी संख्या में सुबह-सुबह लोग पहुंच गये थे।

Posted By: Inextlive