बनारस में शहीद दिवस पर बापू की प्रतिमाओं तक नहीं पहुंचे जिम्मेदार


वाराणसी (ब्यूरो)राष्टपिता महात्मा गांधी का शहीद दिवस 30 जनवरी को मनाया जाता है। हर साल इस दिवस पर गांधी प्रतिमाओं की सफाई के साथ माल्यार्पण आदि के कार्यक्रम होते थे। लेकिन इस बार लगता है जिम्मेदार बापू को भूल गए, क्योंकि कहीं सफाई नहीं मिली तो कहीं माला टांगकर कर्तव्य की खानापूर्ति कर ली गई। कई स्थानों पर तो गांधी प्रतिमा स्थलों के पास अतिक्रमण भी नजर आया.

प्रतिमाएं रहीं उपेक्षित

30 जनवरी 1948 की शाम को नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में महात्मा गांधी की हत्या की गई थी। बापू ने अपना पूरा जीवन देश को स्वतंत्रता दिलाने में लगा दिया, लेकिन मंगलवार को उनकी किसी प्रतिमा पर माला नहीं चढ़ा तो कई प्रतिमाएं धूल की परत ओढ़े रहीं। शहर के तमाम इलाकों में स्थापित बापू की प्रतिमाओं पर तो कई जगह सूखा माला ही नजर आया.

धूल मिट्टïी से लिपटी मूर्ति

सम्पूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में स्थापित बापू की मूर्ति का भी यही हाल था। खोजवां में बापू की प्रतिमा के आस-पास कूड़ा पड़ा हुआ था। साथ ही कचहरी में बापू की मूर्ति कई दिन पूरानी सूखी माला ही पहने हुई थी.

अहिंसा दिवस मनाते

30 जनवरी, 1948 को, महात्मा गांधी दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा को संबोधित करने जा रहे थे। उसी समय उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अहिंसा के पुजारी गांधी के निधन के बाद हर साल उनकी पुण्यतिथि 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। शहीद दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

Posted By: Inextlive