-गिलट बाजार चौकी से 25 मीटर की दूरी पर रात में शराब बेचने के मामले में एसीपी कर रहे थे जांच

- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने खबर को किया था प्रकाशित

वाराणसी में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद काफी व्यवस्थाएं बदलीं। बनारस के पहले पुलिस आयुक्त ए। सतीश गणेश बनें। अपनी जिम्मेदारियों को संभालने के साथ ही पुलिस आयुक्त ने सबसे पहले पुलिस की छवि को आम जनता के बीच बेहतर बनाने का अभियान शुरू किया। खाकी की विश्वसनीयता बनी रहे इसके लिए सभी पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। हालांकि नए बदलाव में कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी रह गए जो पुरानी ही व्यवस्था को समझकर कार्य करने में तल्लीन रहे। ऐसे तीन पुलिसकर्मियों को गुरुवार को पुलिस की छवि धूमिल करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया। ये तीनों सिपाही शिवपुर थाने पर तैनात थे।

ऐसे सामने आया पूरा मामला

30 मई की रात दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने गिलट बाजार चौकी के पास बीयर, देशी और अंग्रेजी शराब दुकान के पास पहुंचकर स्टिंग ऑपरेशन किया। स्टिंग ऑपरेशन के दौरान देखने को मिला कि शराब की दुकान को रात 9:20 बजे तक खोलकर शराब को अधिक दाम में ब्लैक किया जा रहा था। मामला यही खत्म नहीं होता, शराब ब्लैक करने वाला इसके बाद पुलिस के पास पहुंचता है और दोनों के बीच गुफ्तगूं होती है। पुलिस चौकी से मात्र 25 मीटर की दूरी पर हो रहे इस गोरखधंधे का खुलासा करते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने एक जून के अंक में 8ृ़866 दो सौ रुपये में रात भर मिलती है बीयर 66666 हेडिंग से खबर प्रकाशित की, जिसके बाद पुलिस के वरीय अधिकारी हरकत में आए और मामले में जांच बैठा दी गई।

पूर्व में यह हो चुकी है कार्रवाई

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसीपी कैंट अभिमन्यु मांगलिक ने थाना शिवपुर के तीन सिपाहियों पर जांच बैठा दी। वहीं चौकी प्रभारी को भी कड़ी फटकार लगाई। इसके अगले ही दिन चौकी प्रभारी गिलट बाजार में छापेमारी कर दो को शराब बेंचते हुए पकड़ा। इस मामले में देशी शराब के मालिक के अलावा मुनीम और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

जांच के बाद यह हुई कार्रवाई

शिवपुर थाने में नियुक्त मुख्य आरक्षी संजय कुमार सिंह, आरक्षी रविकांत सरोज, आरक्षी धनंजय सिंह की ड्यूटी 30 मई की रात गिलट बाजार चौकी पर लगी हुई थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि पुलिस चौकी से मात्र 25 मीटर की दूरी पर लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए शराब के ठेके से एक व्यक्ति द्वारा शटर के नीचे से कोई सामान लिया जा रहा था। इस पूरे मामले में तीनों पुलिसकर्मी प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए। उन्होंने अपने कृत्य से पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने के साथ अपने पद के कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही की। इसके तहत उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

::: कोट :::

पूरे मामले में जांच कराई गई थी। जांच के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, उससे पता चला है मुख्य आरक्षी संजय कुमार सिंह, आरक्षी रविकांत सरोज, आरक्षी धनंजय सिंह ने अपने कृत्यों से पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करते हुए अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही व उदासीनता बरती है। इस मामले में पुलिस उपायुक्त वरुणा जोन/काशी कमिश्नरेट द्वारा उक्त तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस की छवि को धूमिल करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

अभिमन्यु मांगलिक, एसीपी कैंट कमिश्नरेट, वाराणसी

Posted By: Inextlive