कोरोना का रिस्क नहीं आ रहे टूरिस्ट
-महामारी के चलते बनारस नहीं आ रहे सैलानी
-हर वक्त सैलानियों से भरने रहने वाले शहर में अप्रैल से अगस्त तक नहीं आए मेहमान वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का बड़ा प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। साल की शुरुआत में जब बनारस में टूरिस्ट सीजन पीक पर होता उस वक्त ही कोरोना की वजह से विदेशी सैलानियों ने अपने टूर कैंसिल कराना शुरू कर दिया था। उसके बाद तो अब तक किसी बड़े ग्रुप की बुकिंग नहीं हुई है। होटल, गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंटों में सियापा छाया है। पर्यटन से जुड़े विमान सेवाएं, टूरिस्ट गाइड और ट्रैवेल्स एजेंसी संचालकों की भी स्थिति दयनीय है। टूरिज्म इंडस्ट्री को अब तक 430 करोड़ का नुकसान हो चुका है।ताला लटकने के साथ होटल प्रबंधन आíथक संकट से जूझने के साथ कर्मचारी बेरोजगार होने लगे हैं। पर्यटन उद्योग से जुड़े ज्यादातर कर्मचारी घर बैठ गए हैं या दूसरे रोजगार की तलाश में हैं। सितंबर महीना बीतने को है और विदेशी टूरिस्ट का आगमन नहीं हो रहा है। जबकि भारतीय टूरिस्ट थोड़े बहुत आने लगे हैं।
सूना रहा सीजनकोरोना महामारी के चलते टूरिज्म का कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है। फिलहाल एक साल तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद दिखाई नहीं पड़ रही है। केस बढ़ने के साथ ही टूरिस्ट के भारत आने पर रोक लगी है।
जिससे बनारस के टूरिस्ट प्लेस से लेकर होटल, गेस्ट हाउस व लॉज में तालाबंदी है। लॉकडाउन खुलने के साथ होटल, गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंट खुलने तो लगा है लेकिन उनका खर्च टूरिस्ट के न आने से निकलना मुश्किल हो रहा है। ट्रेन के चलने के बावजूद डोमेस्टिक टूरिस्ट भी बनारस में नहीं आ रहे हैं। इससे पर्यटन से जुड़े लोग काफी दुखी है। होटल में टूरिस्ट न होने के बाद भी बिजली, गृह, जल और सीवर कर समेत अन्य टैक्स देना है। टूरिस्ट को डरा रहे बढ़ते केस जुलाई से सितंबर स्पेन, इटली और फ्रांस के लोग ज्यादा आते थे, यह तीनों देश पूरी तरह प्रभावित है, ऐसे में अगले एक साल तक मान लिया जाए कि इन देशों के लोग भारत भ्रमण पर नहीं आएंगे तो गलत नहीं होगा। कमोवेश यही हाल अन्य देशों का भी है। हर तरह पसरा सियापागर्मी शुरू होने के साथ विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आती है लेकिन महाराष्ट्र, साउथ और श्रीलंका के पर्यटकों के आने का क्रम शुरू हो जाता है जिससे काफी हद तक टूरिज्म कारोबार संभला रहता है। सुबह और शाम गंगा घाटों पर पर्यटक दिखाई पड़ते हैं लेकिन कोरोना के कारण सियापा छाया हुआ है।
कोरोना के बाद सुधरेंगे हालात गवर्नमेंट एप्रुड टूरिस्ट गाइड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। शैलेश त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना का सबसे पहले प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। कब खत्म होगा पता नहीं। 24 मार्च से लॉकडाउन जरूर हुआ लेकिन जनवरी-फरवरी से ही ग्रुप कैंसिल होने लगे थे। पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि भारत सरकार के 110 गाइड है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के 100 गाइड हैं। इनमें से किसी के पास काम नहीं है। जो हालात पैदा हुए हैं उसमें कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद ही स्थित सामान्य हो पाएगी। वर्जन------- कोरोना वायरस के चलते सबसे अधिक टूरिज्म को नुकसान पहुंचा है। कब हालात सुधरेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता है। जब तक महामारी खत्म नहीं होगी तब तक टूरिस्ट का मूवमेंट ठप रहेगा। अविनाश चंद्र मिश्रा, ज्वाइंट डायरेक्टर टूरिज्म डिपार्टमेंट 430 करोड़ का नुकसान हुआ टूरिज्म इंडस्ट्री को 407 होटल मौजूद हैं शहर में जिनमें पसरा है सन्नाटा 100 टूर गाइड हैं उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के जिनके पास नहीं है कोई काम सन् 2019 में आए टूरिस्टमंथ विदेशी भारतीय
जनवरी 40462 345402 फरवरी 40156 385626 मार्च 43362 378851 अप्रैल 35657 272584 मई 18620 301117 जून 8425 251668 जुलाई 15981 378682 अगस्त 20086 298159 सन् 2020 में आए टूरिस्ट मंथ विदेशी भारतीय जनवरी 37156 255015 फरवरी 35202 268260 मार्च 33603 293076 अप्रैल 00 00 मई 00 00 जून 00 1384 जुलाई 00 1926 अगस्त 06 2859