दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में एक झांकी बेहद खास होगी. होना भी लाजिमी है. 13 दिसंबर 2021 को जब पूरी दुनिया ने इसकी एक झलक देखी तो आश्चर्यचकित हो गयी थी. जी हां आपने सही समझा विश्वनाथ धाम.

वाराणसी (ब्यूरो)यूपी की झांकी में काशी विश्वनाथ धाम की झलक होगी, जो प्राचीन शहर के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करेगी। इसके अलावा 'एक जिला एक उत्पादÓ (ओडीओपी) कार्यक्रम को भी प्रदर्शित करेगी, जिसमें गोरखपुर के प्रसिद्ध टेराकोटा सिरेमिक शिल्प, पीतल से बनी गाय मुरादाबाद के धातु शिल्प का प्रतिनिधित्व करेगी।

20 दिनों में तैयार हुई झांकी
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस झांकी को तैयार करने के लिए कोलकाता के कलाकारों की मदद ली गई है। कलाकारों ने झांकी को 20 दिनों में तैयार किया है। झांकी के अगले भाग में प्रदेश के प्रत्येक जनपद के उत्पादों को दर्शाया गया है, जो प्रदेश की पारंपरिक शिल्प, बुनकर एवं हस्तशिल्प के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था की तेज गति को भी दिखाता है। झांकी के बीच का भाग वाराणसी के घाटों पर हिंदू संतों द्वारा सूर्य को अध्र्य देने और सुबह की प्रार्थना की संस्कृति को प्रदर्शित करेगा। झांकी के पिछले भाग में श्री काशी विश्वनाथ धाम को प्रदर्शित किया गया है, जो अपने गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है।

काशी विद्यापीठ भी हुआ था शामिल
यह दूसरा अवसर पर है जब बनारस से जुड़ी झांकी राजपथ पर नजर आएगी। इसके पूर्व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल किया जा चुका है। रिहर्सल के दौरान गंगा स्नान करते साधु और पूजन करते हुए बटुकों का दल झांकी का हिस्सा रहा।

13 दिसंबर को लोकार्पण
पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 दिसबर को 700 करोड़ की लागत से 33 महीने में तैयार हुए श्री काशी विश्वनाथ धाम दुनिया को समर्पित किया था। धाम में बालेश्वर, मकराना, कोटा, ग्रेनाइट, चुनार, मैडोना स्टोन, मार्बल सात तरह के पत्थर इस्तेमाल हुए हैं।

Posted By: Inextlive