श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में शनिवार से माला-फूल चढ़ाने को लेकर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है। शनिवार को कई श्रद्धालु बाबा को माला-फूल चढ़ाकर दर्शन-पूजन किए। कोरोना के कारण मार्च में जब मंदिर बंद हुआ तब तक इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था। बाद में सावन के महीने में जिला प्रशासन ने मंदिर खोलने की सशर्त अनुमति दी थी जिसमें श्रद्धालु शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बाबा का दर्शन कर रहे थे, लेकिन उन्हें बाबा के गर्भ गृह में जाने और माला-फूल, दूध व प्रसाद चढ़ाने की अनुमति नहीं थी। नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे दिन आम श्रद्धालुओं को बाबा के गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति दे दी गई थी।

हो रहा सेनेटाइनजेशन

पहले दिन शनिवार को बाबा विश्वनाथ एवं मां अन्नपूर्णा को फूल-माला व प्रसाद अर्पित कर भक्त निहाल हो गए। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के गर्भ गृह में फूल-माला चढ़ाने की अनुमति देने से भक्तों के चेहरे खिल उठे है। इससे पहले 17 मार्च को ही गर्भ गृह में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। वहीं 24 मार्च से आम भक्तों का मंदिर में प्रवेश पर रोक लग गई थी। हालांकि श्रावण मास के बाद नौ जून को आम श्रद्धालुओं को झांकी दर्शन की अनुमति मिली। इसमें शारीरिक दूरी व मास्क पहनना अनिवार्य था। आम श्रद्धालुओं को सात सितंबर को दोबारा गर्भ गृह में जाकर बाबा के दर्शन-पूजन की अनुमति दी गई, लेकिन माला-फूल पर प्रतिबंध लगा रहा जो शनिवार से हटा दिया गया। इससे फूल-माला व्यवसायियों को भी फिर से यह धंधा बेहतर होने की उम्मीद बढ़ गई। कारण कि प्रतिबंध के कारण सैकड़ों दुकानदारों की माली स्थिति खराब हो गई थी।

Posted By: Inextlive