-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कोविड के चलते डिप्रेशन में चल रहे लोगों के लिए आयोजित किया वेबिनार

-दुश्वारियों के दौर में खुश कैसे रहें विषय पर एक्सपर्ट ने रखे अपने विचार

लॉकडाउन, लोगों की मौत की खबरें, तेजी से फैलता संक्रमण, मास्क पहने लोगों की तस्वीरें। सब मिलाकर एक भयावह मंजर पेश हो रहा है। ऊपर से एग्जाम न होने, क्लास न चलने, बेरोजगार होने और लगातार घर में रहने के कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। कोविड 19 ने इंसान और आसपास के वातावरण को पूरी तरह से बदल दिया है। ऐसे तनाव भरे और डिप्रेशन देने वाले माहौल में खुद को जेहनी तौर पर सेहतमंद बनाए रखना बहुत जरूरी है। आगे आने वाला समय डिप्रेशन महामारी का है। ये हम नहीं मनोचिकित्सकों और एक्सपर्ट का मानना है। गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने दुश्वारियों के दौर में कैसे खुश रहें टॉपिक पर वेबिनार आयोजित किया। जिसमें एक्सपर्ट ने अपना पक्ष रखा।

सैम पर करना होगा फोकस

बीएचयू स्ट्रेस मैनेजमेंट एंड काउंसलिंग सेंटर के कोआर्डिनेटर प्रो। संजय गुप्ता ने कहा कि 2017 में ही डब्ल्यूएचओ ने भारत के 15 परसेंट लोगों को डिप्रेशन से ग्रसित बताया था। अब कोविड ने इसमें घी का काम किया है। बावजूद इसके हमें सेल्फ अवेयरनेस मॉड्यूल यानी सैम पर काम करना होगा। आने वाले दिनों में बैटल अगेंस्ट डिप्रेशन की लड़ाई लड़नी होगी। अच्छा होगा कि डिप्रेशन से लड़ना है तो डटे रहिये। तन की दूरियां तो हों पर मन की दूरियां एक दूसरे के बीच में न हो। जीवन में अल्टरनेटिव ढूंढिये। अपनी गलती सोचिये, सुनिये, समझिये और उसे सुधारिये। डिप्रेशन आपके पास नहीं फटकेगा।

मन के भाव शेयर करें

काशी विद्यापीठ साइयकोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड प्रो। आरपी सिंह ने कहा कि कोविड को लेकर लोगों के मन में अनायास ही भय है। जबकि लोगों को इससे डरना नहीं बल्कि मुकाबला करना चाहिए। जिस किसी से भी मिल रहे हैं या फोन से बात कर रहे हैं तो उससे मन के भाव शेयर करिये। उसे मन में न रखें। कोरोना को हराना है तो तन और मन को व्यस्त रखना होगा। अनावश्यक चीजें सोचने से बचें।

निगेटिव नहीं पॉजिटिव रहें

फेमस सोशल वर्कर व काउंसलर डॉ। अल्पना सिंह ने कहा कि जब से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई है। बहुत सारे लोग केवल एक ही बात कर रहे हैं कि ये कब खत्म होगा। यह निगेटिव सोच के चलते हैं। जबकि मेरा मानना है कि हमें निगेटिव सोचने की बजाए पॉजिटिव सोचना चाहिए। कोविड के चलते घर में रह रहे लोगों को इस समय का अच्छे कार्यो के लिए उपयोग करना चाहिए। इस समय योग करें, स्पोटर््स एक्टिविटी में बिजी रहें, एक्सरसाइज करें या अच्छा गीत व संगीत सुनने में अपने को इन्वाल्ब रखें।

जीने के रास्ते हैं हजार

बीएचयू काउंसलिंग सायकोलॉजिस्ट डॉ। लक्ष्मण यादव ने कहा कि मेमोरी निगेटिव है तो विचार और इमोशन भी निगेटिव ही आएगा। इंसान के दिमाग में एक दिन में 60 से 70 हजार विचार आते हैं। उनमें से जो अच्छे विचार हैं उनको आत्मसात करना है। उनमें ही अपने आपको बिजी रखना है। जीने के लिए बहुत रास्ते हैं। अगर आप इस समय अपने आपको खाली व बेकार समझ रहे हैं तो यह आपकी भूल है। इस समय जो समय आपको मिला है उसमें आप मेंटल, फिजिकल एक्सरसाइज के अलावा घर का कुछ कार्य, रिलेशनशिप व हॉबी को पूरा करने में अपने आपको बिजी रख सकते हैं।

खुशी के लिए सही एनर्जी जरूरी

फेमस कॅरियर काउंसलर अनुपम रघुवंशी ने कहा कि खुशी के लिए सही एनर्जी जरूरी है। इसके लिए पांच चीजों को हमेशा अपने जेहन में रखें। कोविड के चलते घर पर रह रहे लोग अपना रूटीन किसी भी हाल में न चेंज करें, एक एक दिन को अच्छे से जीने के लिए अपना गोल सेट करें, पढ़ने और लिखने में ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं, यदि बचपन से कोई हॉबी हो जो समय के चलते सीख न पाएं हो तो उसे सीखने का यह अच्छा मौका है, अच्छा हो कि कुछ नया सीखें, सोशल मीडिया पर समय लिमिट रखें। बहुत सारे लोग बस सोशल मीडिया पर बातों को फारवर्ड करने में जुटे हुए है। इससे बचना होगा।

Posted By: Inextlive