कुंभ मेला के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार में दो वर्ष बाद आयोजित होने वाले कुंभ मेला का भी प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया गया है.

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कुंभ मेला के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार में दो वर्ष बाद आयोजित होने वाले कुंभ मेला का भी प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया गया है। सोमवार को प्रयागराज में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक पहुंचे। सीएम श्री रावत ने मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि और सचिव श्रीमहंत हरी गिरि को हरिद्वार कुंभ मेला में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया। श्री रावत के निमंत्रण को परिषद के दोनों पदाधिकारियों ने न केवल स्वीकार किया बल्कि प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेला के भव्य व दिव्य आयोजन की तर्ज पर हरिद्वार में भी भव्य कुंभ आयोजित करने की कामना की।

पहले संगम स्नान, फिर भोजन
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक अरैल एरिया में परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के शिविर में पहुंचे। इसके बाद उन्होंने पौष पूर्णिमा पर पुण्य की डुबकी लगाई। उसके बाद श्री रावत मठ बाघम्बरी गद्दी में परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि को हरिद्वार कुंभ का निमंत्रण दिया। इस दौरान श्री रावत ने संत-महात्माओं को तिलक लगाकर उनका माल्यार्पण किया। उसके बाद श्री रावत, स्वामी चिदानंद सरस्वती व कैबिनेट मंत्री श्री कौशिक को शुद्ध सात्विक भोजन कराया गया। भोजन से पहले मठ के वेद विद्यालय के ब्राह्मण बालकों ने वैदिक मंत्रोच्चार किया तो परिषद के अध्यक्ष श्री गिरि ने शॉल ओढ़ाकर विशिष्टजनों को सम्मानित किया।

सीएम ने अखाड़ों को दिया निमंत्रण
मठ बाघम्बरी गद्दी में भोजन करने के बाद सीएम श्री रावत परिषद के अध्यक्ष श्री गिरि व सचिव श्रीमहंत हरी गिरि के साथ मेला एरिया स्थित सेक्टर 16 में पहुंचे। जहां देश के सभी 13 अखाड़ों की छावनी बसाई गई है। सीएम ने श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा व दिगंबर अनि अखाड़ा सहित सभी अखाड़ों में जाकर अखाड़ों के पदाधिकारियों को हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेला में शामिल होने का निमंत्रण दिया। इसके अलावा सीएम श्री रावत रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य जी महाराज के शिविर में भी पहुंचे। जहां उन्होंने संत-महात्माओं से आशीर्वाद लिया और कंबल का वितरण किया।

Posted By: Inextlive