- तीन साल में पहली बार आया पारे में इतना उछाल

-गुरुवार को 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है तापमान

DEHRADUN: देहरादून में बुधवार को अब तक के सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। बुधवार को अधिकतम पारा फ्ख्.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। ख्0क्फ् के बाद यह पहला मौका है, जब पारा इतना अधिक उछला है। उधर, मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को तापमान और अधिक बढ़ोतरी होगी। तापमान फ्ब् डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

देहरादून में चढ़ने लगा पारा

सूबे के अन्य हिस्सों की तरह देहरादून में भी सूरज की तपिश अब हलकान करने लगी है। इसके साथ ही पारा भी चढ़ने लगा है। बुधवार को अधिकतम तापमान फ्फ् डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया। न्यूनतम तापमान में भी पांच सालों में सबसे अधिक उछाल आया है। मैदानी क्षेत्र के अन्य इलाकों का हाल भी ऐसा ही रहा। राज्य के पर्वतीय इलाकों में भी दिन में वातावरण में गर्माहट के साथ ही हल्की उमस महसूस की गई। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड की ओर बढ़ रहा है। इसके कारण पारे में उछाल आया है। मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान छह और पर्वतीय इलाकों में चार डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। गुरुवार को इसमें और इजाफा हो सकता है। हालांकि, दोपहर बाद या शाम से बादलों के आने की आने की भी संभावना है।

देहरादून में मार्च में अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)

वर्ष-पारा-तिथि

ख्0क्फ्-फ्क्.0-ख्ब् मार्च

ख्0क्ब्-फ्क्.ख्-ख्9 मार्च

ख्0क्भ्-फ्ख्.7-ख्म् मार्च

ख्0क्म्-फ्ख्.9-ख्फ् मार्च

न्यूनतम तापमान भी सर्वाधिक

दून में आठ मार्च ख्0क्0 को न्यूनतम तापमान क्क्.ब् डिग्री सेल्सियस रहा। इसके बाद ख्0क्भ् तक यह छह से नौ डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। लेकिन, इस बार ख्फ् मार्च ख्0क्म् को यह क्क्.म् डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। वहीं, देहरादून में मार्च में अधिकतम तापमान का आल टाइम रिकार्ड क्ख्ब् साल पुराना है। ख्8 मार्च क्89ख् को दून में अधिकतम तापमान फ्7.ख् डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था।

ख्म् और ख्7 मार्च को हो सकती है बारिश

राज्य मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि भले ही दो दिन पारा उछाल भरेगा, लेकिन ख्म् मार्च से कुछ राहत मिल सकती है। उन्होंने बताया कि सूबे में पश्चिमी विक्षोभ के ख्भ् मार्च शाम अथवा रात से सक्रिय होने और ख्म् व ख्7 मार्च को उत्तराखंड में अनेक स्थानों पर बारिश हो सकती है। इससे उछाल भरते तापमान पर अंकुश लग सकती है।

Posted By: Inextlive