Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्‍तराखंड की सिल्कयारा टनल में 5 दिन पहले पहाड़ धसकने से मलबे में फंसे 40 मजदूर अभी भी रेस्‍क्‍यू के इंतजार में हैं। हालांकि 15 नवम्‍बर को दिल्‍ली से एयरलिफ्ट कर उत्‍तरकाशी सुरंग में लाई गई हाईटेक ड्रिलिंग मशीन की मदद से रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में फिर से तेजी आ गयी है। मलबे के बीच एक तिहाई दूरी तक पाइप डाले जा चुके हैं।

उत्तरकाशी (पीटीआई)। Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्‍तराखंड के उत्‍तकाशी जिले में हाईवे रोड को कनेक्‍ट करने वाली टनल में 12 नवम्‍बर को पहाड़ ढहने से हादसा हो गया था, जिसमें फंसे 40 मजूदरों का रेस्‍क्‍यू करने के लिए बचावकर्मी लगातार काम कर रहे हैं। मलबे के बीच 6 मीटर लंबाई और 900 मिलीमीटर व्‍यास वाले पाइप डालकर मजूदरों को बाहर निकालने के काम में जुटे हैं। लेटेस्‍ट अपडेट के मुताबिक अब तक मलबे में ड्रिलिंग करके 22 मीटर तक पाइप डाले जा चुके हैं और यह आपेशन रात और दिन लगातार जारी है। बचाव के काम में NDRF और SDRF समेत आईटीबीपी के जवान भी जुटे हुए हैं। बता दें कि रेस्‍क्‍यू के लिए सबसे पहले आई ड्रिलिंग मशीन फेल हो गई थी, जिससे रेस्‍क्‍यू आपॅरेशन रुक गया था। फिर केंद्र सरकार ने 40 जिंदगियां बचाने के लिए नई हाईटेक अमेरिकन ड्रिलिंग मशीन को दिल्‍ली से उत्‍तरकाशी भिजवाया जिसके लिए एयरफोर्स के बड़े मालवाहक विमान को यूज किया गया। फिलहाल रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन जारी है और मलबे के बीच 5 पाइप लगाए जा चुके हैं। उम्‍मीद है कि बहुत जल्‍द ही इस पाइप की मदद से फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा। एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने कहा कि ऑपरेशन को पूरा करने के लिए हमें अभी 60 मीटर तक पाइप डालने हैं, जब तक कि मजदूर इसकी मदद से बाहर आने में सक्षम न हो जाएं।