1 से 31 मार्च तक स्टेट के सभी जिलों में ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया गया. इनमें जनपदों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी शमिल रही. अभियान के तहत अन्य संबंधित विभागों व वॉलिंटियर्स की भी हेल्प ली गई. इसके लिए हर जिले में ऐसे स्थान चिन्हित किए गए जहां पर बच्चों से भिक्षावृत्ति कराई जाती है. इनमें खासकर भिक्षावृत्ति कूड़ा बीनना बैलून सेल करना आदि कार्य शामिल रहे. टीम ने ऐसे बच्चों को रेस्क्यू कर उनका विद्यालयों में प्रवेश कराया और उन्हें पढ़ाई के लिए मोटिवेट कराया.

7 सालों में 8562 बच्चों का किया गया सत्यापन, 2017 से जारी अभियान

देहरादून, 7 अप्रैल (ब्यरो )।
पुलिस की ओर से मार्च महीने में ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया गया। जिसका लक्ष्य नौनिहालों से कराई जा रही भिक्षावृत्ति को रोकना, बच्चों के साथ होने वाले क्राइम का कंट्रोल, बच्चों की क्रिमिनल एक्टिविटीज में संलिप्तता से रोकने और उन्हें एजुकेशन के लिए प्रेरित करना था। अभियान के तहत पुलिस का दावा है कि न केवल 378 बच्चों का स्कूलों में दाखिला करवाया गया। बल्कि, 892 बच्चों का सत्यापन भी कराया गया। इनमें 507 बालक व 385 बालिकाएं शामिल रहीं। पुलिस का मानना है कि आगे भी जरूरत पड़ी तो अभियान जारी रहेगा।

ऑपरेशन मुक्ति का उद्देश्य
-बच्चों द्वारा भिक्षावृत्ति न कराई जाए।
-बच्चों के साथ होने वाले क्राइम पर कंट्रोल।
-बच्चों की क्रिमिनल एक्टिविटीज संलिप्तता पर रोक।
-उन्हें एजुकेशन के लिए प्रेरित किया जाए।

स्टूडेंट्स व पब्लिक में अवेयरनेस पर जोर
पुलिस की ओर से स्कूलों, कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के संबंध में कई माध्यमों से अवेयरनेस कैंपन चलाकर स्टूडेंट्स के साथ पब्लिक को भी अवेयर किया गया।

इन स्थानों पर चलाया अवेयरनेस
-स्कूल
-कॉलेज
-सार्वजनिक स्थान
-महत्वपूर्ण चौराहे
-सिनेमाघर
-बस व रेलवे स्टेशन
-धार्मिक स्थल

किसी गैंग की संलिप्तता नहीं
पुलिस के मुताबिक इस अभियान में भिक्षा मांगने, कूड़ा बीनने, गुब्बारे सेल करने जैसे कार्यों में लगे कुल 892 बच्चों का सत्यापन किया गया। सत्यापन किये गये इन बच्चों में से 378 बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया। पुलिस के अनुसार बाकी बच्चों के स्कूलों में दाखिला कराये जाने की कार्यवाही जारी है। कैंपेन के दौरान बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने वाला कोई गैंग प्रकाश में नहीं आया।

6 बच्चे किए रेस्क्यू, 4 केस दर्ज
पुलिस ने 1 से 31 मार्च तक चलाए स्पेशल कैंपेन के तहत बाल श्रम करते पाये गये 6 बच्चों को जहां रेस्क्यू किया। वहीं, नियोजकों के खिलाफ 2 केस व भिक्षावृत्ति करते पाये गये 8 लोंगों के विरूद्ध 2 केस दर्ज किए गए।

7 सालों में 3981 बच्चों का स्कूलों में दाखिला
पुलिस की ओर से ये अभियान पिछले करीब 7 सालों से चल रहा है। बताया गया है कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक 8562 बच्चों का सत्यापन किया जा चुका है। जबकि, 3981 बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराया गया है।

::1 मार्च से 31 मार्च तक कार्रवाई::
सत्यापित किए गए बच्चों की संख्या
जनपद--बालक--बालिका--योग
हरिद्वार--146--115--261
नैनीताल--64--57--121
देहरादून--72--42--114
यूएसनगर--52--38--90
पौड़ी--49--23--72
चंपावत--26--38--64
टिहरी--24--16--40
जीआरपी--27--11--38
अल्मोड़ा--19--19--38
पिथौरागढ़--18--9--27
चमोली--6--12--18
बागेश्वर--1--5--6
उत्तरकाशी--3--0--3
रुद्रप्रयाग--0--0--0
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कुल--507--385--982
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::स्कूलों में दाखिल हुए बच्चों की संख्या:::
जनपद--बालक--बालिका--योग
हरिद्वार--109--75--184
नैनीताल--48--36--84
देहरादून--3--2--5
यूएसनगर--6--4--10
पौड़ी--16--5--21
चंपावत--0--0--0
टिहरी--24--16--40
जीआरपी--8--5--13
अल्मोड़ा--2--2--4
पिथौरागढ़--4--1--5
चमोली--2--2--4
बागेश्वर--1--5--6
उत्तरकाशी--2--0--2
रुद्रप्रयाग--0--0--0
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कुल---225--153--378

कुल केस दर्ज
ऑपरेशन मुक्ति के तहत पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मार्च में 31 दिनों के दौरान 4 केस दर्ज किए हैं। ये केस देहरादून जिले में शामिल हैं। बाकी किसी भी जिले में कोई केस दर्ज नहीं कराया गया है।

एक नजर
कुल सत्यापित बच्चों की संख्या--892
बालकों की संख्या--507
बालिकाओं की संख्या--385
स्कूलों में दाखिल बच्चों की संख्या--378
बालकों की संख्या--225
बालिकाओं की संख्या--153

Posted By: Inextlive