नौकरी के नाम पर लोगों को लूटने का धंधा लगातार जारी है। कुछ लोग एग्जाम पेपर बेचकर पैसे कमा रहे हैं तो कुछ नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं। फिलहाल दून पुलिस ने दो ऐसे ठगों को दबोचने में सफलता हासिल की है जिन्होंने दो अलग-अलग मामलों में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से 44 लाख रुपये की ठगी की थी। इस तरह के दो केस थाना ऋषिकेश पुलिस में जून और अगस्त महीने में दर्ज किये गये थे। पुलिस ने इन दोनों मामलों का खुलासा कर दिया है। एसएसपी ने अपने कार्यालय में प्रेस के सामने ठगी के इन दो मामलों को खुलासा किया। उन्होंने बताया कि ठग गिरोह का एक सदस्य अभी हत्थे नहीं चढ़ा है।

देहरादून ब्यूरो। एसएसपी ने बताया कि थाना ऋषिकेश में रेलवे में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने के दो मामले दर्ज किये गये थे। बीते 5 जून को सतपुली पौड़ी गढ़वाल निवासी सोनू ने कोतवाली ऋ षिकेश में एक लिखित तहरीर देकर शिकायत की थी कि संदीप कुमार नामक व्यक्ति ने अपने दोस्त के साथ मिलकर ऋ षिकेश में उससे संपर्क किया और उसे और उसके दोस्त मोहित को रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। इसके अलावा 15 अगस्त को त्रिलोकी दास आदि ने भी कोतवाली ऋ षिकेश में इसी तरह का एक और मुकदमा दर्ज करवाया। शिकायत में कहा गया कि संदीप कुमार, रविंद्र और उनके दो दोस्तों ने उनके 6 बच्चों को रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी की।

जांच में मिला सुराग
जून में हुई घटना की जांच कर रही पुलिस ने अगस्त में फिर से उन्हीं लोगों द्वारा ठगी किये जाने की शिकायत मिलने के बाद जांच का काम तेज कर दिया गया। पुलिस ने घटनाओं से संबंधित सभी जानकारियां लेकर मुखबिरों से साथ ही सर्विलांस की भी मदद ली। कुछ सुराग पुलिस के हाथ लगे जिनके आधार पर पुलिस ने संडे को दो आरोपियों को दबोच लिया। आरोपियों की पहचान संदीप कुमार और रविन्द्र सिंह निवासी रानीपुर, रोशनाबाद, मूल निवासी बिजनौर यूपी के रूप में हुई। पूछताछ में इन दोनों घटनाओं में उनके एक अन्य दोस्त के शामिल होने की बात भी सामने आई। पुलिस अभी उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

अधिकारी बनकर करते थे ठगी
पूछताछ में पता चला कि संदीप कुमार सिडकुल हरिद्वार में एक फैक्ट्री में काम करता है, जबकि रविन्द्र की रोशनाबाद में कॉस्मेटिक्स की दुकान है। उनका एक अन्य दोस्त पहले ऋषिकेश में रहता था। वह भी मूल रूप से बिजनौर का रहने वाला है। तीनो नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे रकम ठग लेते थे। संदीप को एफसीआई ऑफिसर और रविन्द्र को रेलवे का अधिकारी बताया जाता था। वे बेरोजगार युवकों को अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर जाल में फंसा लेते थे और रुपये ठग लेते थे। पुलिस दोनों आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटा रही है।

Posted By: Inextlive