- चंद्रभागा नदी के किनारे बसी अवैध बस्तियों में बाढ़ का खतरा

- फिलहाल प्रशासन करेगा अस्थाई व्यवस्था, होगा पुनर्वास

- डीएम ने किया प्रभावित इलाके का स्पॉट इंस्पेक्शन

देहरादून,

चंद्रभागा नदी किनारे अवैध रूप से बसे परिवारों पर बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इन सभी परिवारों को यहां से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट होना होगा। फिलहाल इनके रहने के लिए प्रशासन अस्थाई व्यवस्था करेगा। बाकायदा, इनके पुनर्वास के लिए भी योजना पर काम शुरू होगा।

रोज अपडेट दें एसडीएम

डीएम डा। आर राजेश कुमार थर्सडे को ऋषिकेश के चंद्रभागा और गंगा तट नदी के उफान से खतरे की जद में आए आबादी क्षेत्र का निरीक्षण किया। डीएम को एसडीएम डा। अपूर्वा सिंह ने बताया कि प्रशासन की ओर से यहां के 90 परिवारों को चिह्नित किया है। हर वर्ष मानसून सत्र में इन पर खतरा मंडराता है। प्रशासन की मुनादी के बावजूद यह लोग यहां से जाने को तैयार नहीं होते हैं। एसडीएम ने बताया कि नदी किनारे के सभी क्षेत्र शासनादेश के अनुसार रिहायशी क्षेत्र नहीं है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए नगर निगम के यात्रा अड्डा स्थित रैन बसेरा और कबीर चौरा आश्रम में इनके रहने की व्यवस्था की गई है। कहा, नगर निगम प्रशासन चंद्रभागा नदी किनारे बसे परिवारों का सत्यापन करें। जो लोग वर्षों से यहां रह रहे हैं, उनके विस्थापन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बताया कि उनके लिए सरकारी भूमि का सर्वे करने के लिए तहसील प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। डीएम ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट के सभी एसडीएम को निर्देश दे दिए गए हैं कि वह रोज शाम को अपने क्षेत्र का बाढ़ का अपडेट जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे।

फूट-फूट कर रोई बुजुर्ग महिला

मायाकुंड क्षेत्र में जब डीएम तटीय बस्ती का निरीक्षण कर रहे थे। तब यहां मौजूद जमीन पर बैठी 70 वर्षीय बुजुर्ग रुकमणी देवी दोनों हाथ जोड़कर फूट-फूट कर रोने लगी। बुजुर्ग ने डीएम को बताया कि वह 6 दशक से ऋषिकेश में रहते हैं। त्रिवेणी घाट बस्ती से कुछ परिवारों को विस्थापित किया गया मगर हम लोग छूट गए। अब नेताओं के कारण हमारा हक छीना जा रहा है।

Posted By: Inextlive