- आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भी कूदे आंदोलन में

- हॉस्पिटल स्टाफ ने रोजाना दो घंटे कार्यबहिष्कार का किया ऐलान

- मरीज रहे परेशान, दूसरे विभागों में भी नहीं हो रहे काम, बैरंग लौट रहे लोग

देहरादून : प्रमोशन में रिजर्वेशन के खिलाफ जनरल-ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों के आंदोलन में अब आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भी जुड़ गए हैं। इसका असर भी दिखने लगा है। फिलहाल दो घंटे कार्यबहिष्कार के साथ स्टाफ ने बेमियादी हड़ताल का ऐलान किया है। इससे सरकारी काम काज प्रभावित तो हो ही रहा है, लोगों की मुश्किल भी अब बढ़ सकती है।

7 लाख कर्मचारी हड़ताल पर

प्रदेश में जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले लगभग 7 लाख से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इसके चलते सरकारी ऑफिसों में सन्नाटा पसरा है। गुरुवार को अधिकांश सरकारी ऑफिसेज में काम-काज ठप रहा। आवश्यक सेवा से जुड़े कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे।

इन विभागों में भी आंदोलन

पेयजल निगम

जल संस्थान

ऊर्जा के तीनों निगम

वन निगम

स्वास्थ्य सेवाएं।

बैरंग लौटना पड़ा लोगों को

सरकारी हॉस्पिटल्स में भी हड़ताल का आंशिक असर दिखा। विद्युत और पेयजल सेवाओं पर विशेष असर नहीं रहा, लेकिन कर्मचारियों ने ये सेवाएं बंद करने का ऐलान कर दिया है। कलक्ट्रेट, विकास भवन, तहसील, खाद्य आपूर्ति, समाज कल्याण, शिक्षा निदेशालय आदि विभागों में भी कामकाज ठप रहा। अपने काम से पहुंचे लोगों को कर्मचारियों के नदारद रहने पर बैरंग लौटना पड़ा। अधिकांश विभागों में महज एससी-एसटी वर्ग के कार्मिक या संविदा कर्मी ही नजर आए।

हॉस्पिटल्स में दो घंटे बहिष्कार

हड़ताल में अब सरकारी हॉस्पिटल्स के फार्मासिस्ट्स भी शामिल हो गए हैं। फार्मासिस्ट्स ने गुरुवार को दो घंटे कार्य बहिष्कार किया। नर्सिग स्टाफ, टेक्नीशियन व फोर्थ क्लास स्टाफ ने काली पट्टी बांधकर काम किया। दून हॉस्पिटल , गांधी शताब्दी हॉस्पिटल और कोरोनेशन हॉस्पिटल समेत अन्य सीएचसी पर पेशेंट्स को दवा लेने के लिए भागदौड़ करनी पड़ी। वहीं, नर्सिंग एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला ने बताया कि शुक्रवार से दो घंटे के कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। सुबह आठ से दस बजे तक कार्य बहिष्कार किया जाएगा। कोरोना वायरस के किसी केस के आने और इमरजेंसी में सेवाएं दी जाएंगी।

सीएमओ ऑफिस में भी काम प्रभावित

कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सीएमओ ऑफिस में काम प्रभावित रहा। गुरुवार को कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से दिव्यांग प्रमाण पत्र, क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, मेडिकल सर्टिफिकेट, खाद्य सुरक्षा विभाग में पंजीकरण, लाइसेंस समेत कई काम नहीं हो सके।

आरटीओ से भी बैरंग लौटे लोग

आरटीओ में लगभग आधे से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर है। कर्मचारियों के हड़ताल में जाने के कारण लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और गाड़ी की एनओसी लेने पहुंचे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी ।

लोगों ने शेयर की परेशानी

मेरा दिव्यांग प्रमाण पत्र बनना था। लेकिन कोई भी कर्मचारी न होने के कारण बन नहीं पा रहा है। कहते है कि हड़ताल के बाद ही अब काम हो पाएगा।

- : रोहित

मुझे लाइसेंस बनवाना था। इसके लिए मैं कई दिन से आरटीओ के चक्कर काट रहा हूं। लेकिन अब तक काम नहीं हो पाया है।

- : आयुष

मुझे जमीन की रजिस्ट्री करानी थी पर कई दिन से कलेक्ट्रेट के चक्कर काटने के बाद भी नहीं बन पा रहा है। अब जब हड़ताल समाप्त होगी तब कुछ हो सकेगा।

- : सरिता

मुझे कार के ट्रांसफर के लिए एनओसी लेनी थी। आरटीओ में कर्मचारी अपने केबिन्स में नहीं बैठ रहे, वे हड़ताल पर हैं। पता नहीं कब काम होगा।

- यशोदा

Posted By: Inextlive