- बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेंगी पोषाहार शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं - आंगनबाड़ी केंद्रों में होगा रजिस्ट्रेशन वर्कर्स करेंगी प्रचार-प्रसार DEHRADUN: प्रदेश में जितने भी प्रवासी अब तक लौटे हैं. उनके छह साल तक के बच्चे अब आंगनबाड़ी केंद्रों में पलेंगे. महिला सशक्तिकरण एवं बा

- बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेंगी पोषाहार, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं

- आंगनबाड़ी केंद्रों में होगा रजिस्ट्रेशन, वर्कर्स करेंगी प्रचार-प्रसार

DEHRADUN: प्रदेश में जितने भी प्रवासी अब तक लौटे हैं। उनके छह साल तक के बच्चे अब आंगनबाड़ी केंद्रों में पलेंगे। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग राज्यमंत्री रेखा आर्य की ओर से इसके लिए डायरेक्शन जारी किए गए हैं। मंत्री की ओर से विभाग की सचिव को प्रवासी बच्चों को पोषाहार दिए जाने के साथ ही बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट और जच्चा-बच्चा के टीकाकरण कार्ड उपलब्ध न होने पर नियमों में ढील देने के भी निर्देश दिए गए हैं।

विभाग मान रहा एक लाख महिलाएं

उत्तराखंड लौटने वाले तीन लाख लोगों में विभाग एक लाख महिलाएं मान रहा है। हालांकि इसमें कितनी धात्री और गर्भवती होंगी, इसका अंदाजा नहीं लगाया गया है। मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि एक लाख में ऐसी महिलाओं की संख्या तब पता चलेगी जब ये नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र जाएंगी या फिर आंगनबाड़ी वर्कर्स को जानकारी देंगी। इसके बाद ही विभाग डेटा निकाल पाएगा।

आपदा प्रबंधन से नहीं मिली जानकारी

मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि इस संबंध में आपदा प्रबंधन केंद्र से जानकारी जुटाने की कोशिश की गई, महिला और पुरुष का अलग-अलग डेटा होने के कारण मना कर दिया गया। बताया कि इसके पीछे उद्देश्य यह है कि प्रवासी महिलाएं यहां आकर महसूस करें कि वे अपने घर आई हैं। यहां दूसरी महिलाओं की तरह ही उनके लिए भी सभी तरह की सुविधाएं हैं और वे यही बसने के बारे में सोचें।

आंगनबाड़ी वर्कर्स करेंगी रजिस्ट्रेशन

महिलाओं और बच्चों को लेकर विभागीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा। नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्रों की ओर से दूसरे राज्यों से आई महिलाओं और बच्चों का नाम रजिस्ट्रेशन के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में नोट कराया जाएगा। इसके बाद गर्भवती, धात्री और छह साल तक के बच्चों को पोषाहार, टीएचआर, टीकाकरण जैसी सभी सुविधाएं दी जाएंगी। आंगनबाड़ी वर्कर्स क्षेत्र में प्रचार-प्रसार भी करेंगी।

नियमों में दी जाएगी ढील

मंत्री ने आदेश दिए हैं कि जिस कंडीशन में प्रवासी महिलाएं अपने प्रदेश लौट रही हैं, संभव है कि उनके पास बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट और जच्चा-बच्चा टीकाकरण कार्ड उपलब्ध नहीं हो, तो इस विषम परिस्थिति में नियमों में शिथिलता दिए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। कहा कि इन गर्भवती, धात्री और उनके बच्चों को पोषण और स्वास्थ्य संबंधी देखभाल की आवश्यकता है। ऐसे में पास के आंगनबाड़ी केंद्रों से अनुपूरक पोषाहार, शिक्षा और स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी।

दूसरे राज्यों से लौटी गर्भवती, धात्री महिलाओं और उनके छह साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में सभी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जिससे उन्हें अपनापन महसूस हो। इस संबंध में विभाग की सचिव को आदेश दे दिए गए हैं। जल्द ही इस पर कार्ययोजना बनाकर काम करवाया जाएगा।

- रेखा आर्य, राज्यमंत्री, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग

Posted By: Inextlive