खुद को बिश्नोई गैंग का सदस्य बताकर रंगदारी वसूलने वाले मनोज का साथ देने वाले एक अन्य आरोपी संतोष उर्फ सोनू को थाना कालसी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मनोज को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। दोनों ने एक व्यक्ति से डरा-धमकाकर 1 लाख रुपये रंगदारी वसूल की थी।

देहरादून (ब्यूरो)। बीते 18 जनवरी को थाना कालसी पर इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता का कहना था कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा पिछले दो महीने से खुद को कुख्यात बिश्नोई गैंग का सदस्य बताकर फोन पर उसे डरा धमका रहा है और उससे एक लाख रुपये रंगदारी वसूली गयी है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच की और 21 जनवरी को मुख्य आरोपी मनोज को आगरा से गिरफ्तार कर लिया।

संतोष ने की थी मदद
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी पर उससे की गई पूछताछ और उसके फोन नंबर की डिटेल्स खंगालते हुए पुलिस को त्यूनी क्षेत्र में एक्टिव एक मोबाइल नंबर पर शक हुआ। इस नंबर पर मनोज ने कई बार बात की थी। कड़ाई से पूछताछ करने पर मनोज ने बताया कि वह नंबर संतोष है, जो त्यूणी क्षेत्र का रहने वाला है। पुलिस संडे को मोबाइल नम्बर की लोकेशन और संतोष उर्फ सोनू नाम के व्यक्ति की तलाश करते हुए डेरसा गांव पहुंची, जहां संतोष उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर लिया गया।

विवाद के बाद रची साजिश
पूछताछ में संतोष ने बताया गया कि कुछ महीने पहले शिकायतकर्ता ठेकेदार उसके गांव डेरसा में रोड निर्माण कर रहा था। इस दौरान उसका खेत काटने को लेकर उसका शिकायतकर्ता से विवाद हो गया। इसके बाद उसने संतोष उर्फ सोनू ने रंजिश के चलते ठेकेदार का नाम, पता और मोबाइल नंबर को अपने दोस्त मनोज को दे दिया। उन्हें यह जानकारी मिल गई थी कि ठेकेदार के पास काफी पैसा है। उन्होंने उससे रकम हड़पने की साजिश रची और बिश्नोई गैंग के नाम पर मनोज ने उसे डराना-धमकाना और परिवार को जान से मारने की धमकी देना शुरू कर दिया। योजना के मुताबिक जनवरी में शिकायतकर्ता ठेकेदार से एक लाख रुपये की रंगदारी वसूली गई।

आरोपी की पहचान
संतोष उर्फ सोनू पुत्र सुखराम, निवासी ग्राम डेरसा, थाना त्यूणी, जिला देहरादून, उम्र- 24 वर्ष।

बिश्नोई गैंग से संबंध की जांच
पुलिस को अभी तक इस बात की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है कि मनोज और संतोष का वास्तव में बिश्नोई गैंग से कोई संबंध है या उन्होंने सिर्फ डराने-धमकाने के इरादे से इस गैंग का नाम लिया था। संतोष के पास से पुलिस ने वह मोबाइल फोन बरामद कर लिया है जिसका प्रयोग वह मुख्य अभियुक्त मनोज से संपर्क करता था और साजिश रच कर रंगदारी वसूलने में किया था। पुलिस सोनू के आपराधिक इतिहास के बारे में भी जानकारी हासिल कर रही है।

इस तरह की पहली वसूली
देहरादून सहित उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ सालों के बिश्नोई गैग का नाम सुर्खियों में आता रहा है। हालांकि अब तक इस गैंग की कोई वारदात राज्य में दर्ज नहीं की गई है। इससे पहले रुद्रपुर में एक टायर व्यवसायी की दुकान पर अंधाधुंध गोलियां चलाने के बाद उससे बिश्नोई गैंग के नाम पर वसूली की गई थी। पिछले वर्ष एक गैंग का एक शॉर्प शूटर देहरादून में गिरफ्तार किया गया था। इसके बावजूद राज्य में बिश्नोई गैंग का खौफ बना हुआ है।

Posted By: Inextlive