बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने ºुड़बुड़ा मोहल्ले के एक घर से 7 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया है. बच्ची से घर में काम कराया जा रहा था उससे मारपीट भी की जा रही थी.

पड़ोसियों ने की चाइल्ड लाइन में मामले की शिकायत

बाल आयोग को बताया तो किया गया रेस्क्यू

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DEHRADUN : बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने ºुड़बुड़ा मोहल्ले के एक घर से 7 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया है। बच्ची से घर में काम कराया जा रहा था, उससे मारपीट भी की जा रही थी। इस संबंध में चाइल्ड लाइन को कंप्लेन मिली थी, चाइल्ड लाइन द्वारा बाल आयोग को मामले की जानकारी दी गई। बच्ची को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्लूसी) के हवाले कर दिया गया है।

 

आयोग से की कंप्लेन

पूछताछ में पता चला कि बच्ची विकासनगर की रहने वाली है, उसकी मौसी स्कूल छुड़वाकर उसे अपने पास ले आई थी। वह उससे अपनी बेटी की डेढ़ वर्षीय बच्ची की देख-रेख कराती थी। घर के सभी काम भी उसी के हवाले थे और मारपीट भी करती थी। एक दिन उसने पड़ोस की बच्ची को यह बात बताई जो उसने अपने घरवालों को बता दी। पड़ोस के लोगों ने चाइल्ड लाइन से कंप्लेन कर दी।

 

दूसरे घरों में भी कराती थी काम

रेस्क्यू की गई बच्ची ने बाल आयोग की टीम को बताया कि उसकी मौसी सुनीता दूसरे घरों में काम करती है और कभी-कभी उसे भी साथ ले जाती है। घर का झाड़ू-पोछा न करने पर उसे मारती-पीटती है।

 

मौसी का खौफ है बच्ची को

शुक्रवार को बाल आयोग की टीम बच्ची को रेस्क्यू कराने उसकी मौसी के घर पहुंची, बच्ची घर के बाहर ही टीम को मिल गई। वह दुकान जा रही थी, रोके जाने पर भी वह नहीं रुकी और बोली उसे मौसी ने दुकान भेजा है, वह दुकान जा रही है। टीम ने बताया कि वह बेहद डरी हुई थी, बड़ी मुश्किल से टीम ने उसे रोका औरे मौसी से पूछताछ के बाद रेस्क्यू कर साथ ले गई। बच्ची को रेस्क्यू करने वालों में बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी, सदस्य सीमा डोरा, श्रम परिवर्तन अधिकारी पिंकी टम्टा, चाइल्ड लाइन से दीपा, बचपन बचाओ से सुरेश उनियाल, संदीप पंत आदि शामिल थे।

 

बच्ची को रेस्क्यू कर सीडब्लूसी के समक्ष ले जाया गया। बच्ची घर जाना चाहती है तो उसको घर भेजा जाएगा।

-ऊषा नेगी, अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग

Posted By: Inextlive