दून में यातायात व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। दूनाइइट्स रोजाना जाम के झाम से परेशान है। हर साल एक लाख से भी अधिक नए वाहन सड़क पर उतर रहे हैं। देहरादून संभाग में 10 लाख से अधिक वाहन हैं जिससे सड़कों पर लगातार टै्रफिक का दबाव बढ़ रहा है।

- दून शहर में पटरी से उतरी है यातायात व्यवस्था, निपटने के प्रयास नाकाफी
- सड़क-फुटपाथ पर कब्जों के चलते ट्रैफिक हो रहा जाम, पब्लिक परेशान

देहरादून, (ब्यूरो): यात्रा सीजन में यातायात का दबाव कई गुना बढ़ जाता है। शहर की सड़कें पहले की कम चौड़ी है। ऊपर से इन सड़कों पर अतिक्रमण का राज है। सड़क-फुटपाथ व्यापारियों के कब्जे में है। रही सही कसर फड़ व्यापारी पूरा कर रहे हैं। सड़क-फुटपाथों पर जगह-जगह दुकानें सजी हैं। कहीं रेहड़ी-ठेली, तो कहीं फास्ट फूड्स के कार्नर सजे हैं। सड़क से लेकर बाजारों तक सड़कें और फुटपाथ वाहनों की पार्किंग का अड्डा बनी हुई है। इससे लोगों को चलने के लिए फुटपाथ ही नहीं बचे हैं। फुटपाथ होने के बावजूद कई पब्लिक सड़कों पर चलने के लिए मजबूर है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से किए गए सोशल प्लेट फार्म पर सर्वे कराया गया, जिसमें लोगों ने बेबाकी से अपनी राय रखी। पोल में 290 लोगों ने भाग लिया।

सड़क-फुटपाथ हो पूरी तरह कब्जामुक्त
दूनाइट्स का कहना है कि यदि ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाना है, तो प्रशासन को सड़क और फुटपाथ से पूरी तरह अतिक्रमण हटाना होगा। बगैर अतिक्रमण हटाए निर्बाध यातायात की कल्पना नहीं की जा सकती। इसके लिए व्यापारियों के खिलाफ सख्ती उठानी होगी। फुटपाथ यदि पब्लिक को चलने के लिए मिलेंगे, तो रोड ट्रैफिक के लिए छूट जाएगी। 44 फीसदी लोगों का कहना है कि सड़क-फुटपाथ से पूरी तरह कब्जे हटाए जाने चाहिए।

सख्त कानून बनाया जाए
सड़क-फुटपाथों पर कब्जे करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग जा रही है। लोगों का कहना है कि सड़क-फुटपाथ पर कब्जे करने वालों के सिर्फ चालान काटने ही काफी नहीं हैं। इसमें जेल का भी प्रावधान किया जाना चाहिए, तभी अतिक्रमण पर लगाम लग पाएगी। सर्वे में 50 फीसदी लोगों ने अतिक्रमण के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की है।

बाजारों में हो पार्किंग की व्यवस्था
शहर में दुकानों के बाहर कहीं भी पार्किंग की सुविधा नहीं है। यहां तक कि अधिकांश मॉल और काम्लैक्स में पार्किंग का अभाव है, जिससे लोग सड़कों पर ही वाहन खड़ा करते हैं, जो जाम का कारण बनते हैं। दूनाइट्स की मांग है कि सबसे पहले सरकार बाजारों में पार्किंग की व्यवस्था करे।

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के पोल का रिजल्ट
दून शहर में यातायात व्यवस्था का बुरा हाल है। इसका कारण आप किसे मानते है?
सरकार का उदासीन रवैया 44 क्रत्न
लचर कानून व्यवस्था 11
सड़कों की कम चौड़ाई और गड्डे 0
सड़क-फुटपथों पर कब्जे 44

सड़कों को अतिक्रमणमु1त करने को क्या जरुरी कदम उठाए जाने चाहिए?
सख्त कानून बनाया जाना चाहिए 50
बार-बार अतिक्रमण पर जेल के 20 प्रावधान हो।
दो बार चालान के बाद व्यापारियों के 10 लाइसेंस निरस्त होने चाहिए।
बाजार में जगह-जगह पर सार्वजनिक पार्किंग की सुविधा हो। 20

अतिक्रमण के लिए आप किसे सबसे ज्यादा जिम्मेदार मानते हैं?
विभागों में आपसी तालमेल की कमी 36
मानिटिंग की कमी 18
व्यापारियों को नीति 9
पुलिस-प्रशासन का डर नहीं 36

क्या सड़क-फुटपथों से पूरी तरह अतिक्रमण हटना चाहिए?
हां 100
नहीं 0
थोड़ा बहुत 0
इनमे से कोई नहीं 0

क्या कहते हैं यूजर्स
शहर में यातायात के लिए कड़ा एक्शन लेने की जरूरत है। केवल चालानी कार्रवाई काफी नहीं है। बार-बार अतिक्रमण करने वालों को जेल की सजा दी जानी चाहिए।
यशवीर आर्य

सड़कों की चौड़ाई नियम और ट्रैफिक के हिसाब से काफी कम है। फुटपाथों पर व्यापारियों के कब्जे हटे तो ट्रैफिक समस्या काफी कम हो जाएगी।
संजय जुयाल

प्रशासन को रेहड़ी-ठेली वालों के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेना चाहिए। फड़ व्यापारी सड़क-फुटपाथों को घेर लेते हैं, जिससे ट्रैफिक बाधित हो जाता है।
दीपक गोयल

शहर में रोजाना सैकड़ों वाहन शो रूप से सड़क पर उतर रहे हैं। सड़कों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। इसलिए सरकार को सड़कों को चौड़ी करने की योजना पर तेजी से काम करना चाहिए।
अर्जुन रावत

एक नजर में दून
120000 के करीब है शहर की आबादी
1000000 के करीब है दून में रजिस्टर्ड वाहन
200000 वाहन चलते हैं रोजाना दून की सड़कों पर
4000 किमी। सड़क है दून शहर की

20 फुट भी नहीं है कई जगहों पर सड़कें
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive