- केंद्रीय मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने आइजीएल में 2जी एथनॉल डिमांस्ट्रेशन प्लांट का किया शुभारंभ

- ऑयल सेक्टर से बायो तकनीक अपनाने का किया आह्वान

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KASIPUR: देश में पांच बॉयो एनर्जी केंद्र खोले जाएंगे। इसमें करीब क्00 वैज्ञानिक शोध कार्य कर नई-नई तकनीक को विकसित करेंगे, जिससे बॉयो एनर्जी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा मिल सके। यह बात केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने कही।

ख्0ख्0 तक ख्0 फीसदी एथनॉल बनाने का लक्ष्य

केंद्रीय मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने शुक्रवार को इंडिया ग्लाइकोल्ज लिमिटेड (आईजीएल) के ख्जी एथनॉल डिमांस्ट्रेशन प्लांट का शुभारंभ किया। यह प्लांट बॉयो टेक्नोलॉजी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से करीब फ्भ् करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आईजीएल जिस प्रकार हिम्मत जुटाकर जैविक रॉ मेटेरियल्स से एथनॉल बनाने जा रही है, उसी प्रकार ऑयल सेक्टर से जुड़ी अन्य कंपनियां भी बॉयो तकनीकी का प्रयोग करें। देश में वर्ष ख्0क्7 तक क्0 फीसद व ख्0ख्0 तक ख्0 फीसद एथनॉल बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि बॉयो टेक्नोलॉजी के शोध कार्य तो कई संस्थानों में हो रहे हैं, मगर इसे अपनाने की भी जरूरत है, जिससे पर्यावरण संरक्षण हो सके। उन्होंने कहा कि आईजीएल में रोजाना क्0 टन जैविक मेटेरियल्स से एथनॉल बनाने की क्षमता है, मगर देश के वैज्ञानिकों में ख्00 से ख्भ्0 टन जैविक मेटेरियल्स से एथनॉल बनाने की तकनीकी विकसित करने की क्षमता है। बॉयो टेक्नोलॉजी एक दिन मील का पत्थर साबित होगी। कार्यक्रम में सांसद भगत सिंह कोश्यारी व आईजीएल के सीएमडी यूएस भरतिया ने भी विचार व्यक्त किए।

Posted By: Inextlive