- केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की नर्सरी में ब्रह्मकमल उगने से विभाग उत्साहित

- केदारपुरी स्थित तीन वाटिकाओं में लगाए गए हैं ब्रह्मकमल के 600 पौधे

GOPESHWAR: केदारपुरी में देव पुष्प ब्रह्मकमल उगाने की केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की मेहनत रंग ला रही है। बारह ज्योतिर्लिगों में शुमार केदारनाथ धाम स्थित वन विभाग की नर्सरी में ब्रह्मकमल उगने से वन विभाग खासा उत्साहित है। नर्सरी में ब्रह्मकमल के अलावा दुर्लभ प्रजाति की जड़ी-बूटियां भी उगाई गई हैं।

समुद्रतल से 11 हजार फीट से लेकर 17 हजार फीट तक की ऊंचाई पर उगने वाला ब्रह्मकमल दुर्लभ पुष्प की श्रेणी में आता है। सनातनी मान्यता के अनुसार ब्रह्मकमल को यह नाम ब्रह्माजी से मिला। उत्तराखंड में ¨पडारी से लेकर चिफला तक, नंदीकुंड, सप्तकुंड, रूपकुंड, हेमकुंड, ब्रजगंगा, फूलों की घाटी आदि क्षेत्रों में यह स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। यह अत्यंत खूबसूरत चमकते सितारे जैसा आकार वाला सुगंधित पुष्प है। यह आधी रात के बाद खिलता है, इसलिए इसे खिलते देखना सपने के जैसा है।

ब्रह्म वाटिका स्थापित गई की

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि ब्रह्मकमल के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से केदारपुरी में तीन स्थानों पर एक-एक हेक्टेयर क्षेत्र में ब्रह्म वाटिका स्थापित की गई हैं। इनमें ब्रह्मकमल के अलावा दुर्लभ प्रकार की जड़ी-बूटी और पुष्पों के पौधों का रोपण भी किया गया है। भैरव मंदिर के समीप स्थित वाटिका में ब्रह्मकमल के 200, कुटकी के 1740, वज्रदंती के 200, भूतकेशी के 35, केदारपाती (नैरपाती) के दस, आरचू के 18 व कूठ के 14, ध्यान गुफा के समीप स्थित वाटिका में ब्रह्मकमल के 200, कुटकी के 1740, वज्रदंती के 200, भूतकेशी के 35, नैरपाती के दस, आरचू के 18 व कूठ के 14 और दूसरी ध्यान गुफा के समीप स्थित वाटिका में ब्रह्मकमल के 200, कुटकी के 1740, वज्रदंती के 200, भूतकेशी के 30, आरचू के 18 और कूठ के 12 पौधों का रोपण किया गया है। तीनों वाटिका में ब्रह्मकमल के पुष्प खिले हुए हैं।

चौराबाड़ी व वासुकीताल क्षेत्र भी ब्रह्मकमल से लकदक

रुद्रप्रयाग, केदारपुरी पुलिस विभाग की ओर से दो नाली भूमि में तैयार की गई ब्रह्म वाटिका इन दिनों ब्रह्मकमल से महक रही है। वाटिका की देखरेख कर रहे कांस्टेबल कुलदीप सिंह रावत ने बताया कि केदारनाथ धाम के ऊपर चौराबाड़ी व वासुकीताल क्षेत्र भी इन दिनों ब्रह्मकमल के फूलों से लकदक है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी युद्ववीर सिंह पुष्पवाण बताते हैं कि इस बार केदारनाथ क्षेत्र में ब्रह्मकमल बहुतायत में नजर आ रहा है। श्रावण में यहां ब्रह्मकमल से ही बाबा केदार का अभिषेक किया जाता है।

Posted By: Inextlive