बरसात शुरू होते ही खनन यानि काला सोने का कारोबार एकाएक आसमान छूने लगा है। पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से खनन के सौदागर आम जनता को लूट रहे हैं। लेकिन किसी को यह दिखाई नहीं दे रहा है। मंत्री हो या अफसर सभी ने आंखों पर पट्टी बांध ली है। जिससे काले सोने के सौदागर खुले आम जनता को लूट रहे हैं। एकाएक दाम बढ़ाए जाने से आम आदमी का सस्ता घर बनाने का सपना टूट रहा है। दून में 20 से 25 परसेंट अधिक दरों पर निर्माण सामग्री दी जा रही है।

देहरादून (ब्यूरो)। बता दें कि मानसून के दौरान नदियां उफान पर रहती हैं, जिससे नदियों में खनन करना जान के साथ खेलना है। इसलिए सरकार ने अगले तीन माह के लिए खनन कार्य पर रोक लगाई है। 30 जून से 30 सितंबर तक नदियों में खनन पूरी तरह बंद रहेगा। ऐसे में खनन कारोबार से जुड़े व्यवसायियों ने प्रतिबंध का फायदा उठाकर बाजार में 25 से 30 प्रतिशत अधिक दामों पर निर्माण सामाग्री बेचने लगे हैं। रेत-बजरी के साथ रोड़ी-पत्थर, डस्ट, वाससैंड, और आरबीएम के रेट भी बढ़ा दिए गए हैं।

दून में 6000 टन रोजाना खपत
देहरादून में यमुना नदी खनन का सबसे बड़ा जरिया है। जानकारों की मानें तो राजधानी देहरादून में करीब 6000 टन रेत-बजरी रोजाना की खपत है, जिसमें से तकरीबन 80 प्रतिशत खनन यमुना नदी में होता है। यमुना नदी पर उत्तराखंड के बॉर्डर इलाके विकासनगर और पौंटा साहिब में सबसे अधिक खनन होता है। यह खपत सरकारी निर्माण को मिलाकर है। अकेले देहरादून में खनन का करीब 100 करोड़ सालाना का व्यवसाय है।

इन नदियों सेे रेत-बजरी सप्लाई
यमुना नदी
जाखन
सौंग
रिस्पना
बिंदाल

यहां से भी सप्लाई
सहारनपुर
लक्सर
हरिद्वार
ऋषिकेश

हिमाचल से करोड़ों की अवैध सप्लाई
यमुना नदी हिमाचल और उत्तराखंड की सीमा क्षेत्र में है। उत्तराखंड की नदियों में खनन पट्ट लंबे समय से बंद थे, जिससे हिमाचल की ओर से उत्तराखंड की सीमा क्षेत्र में पडऩे वाली नदी से अवैध तरीके से रो-मैटेरियल नदी पार ले जाई जा रही है। इसके बाद खनन माफिया मिलीभगत करके बगैर रवन्ना काटे खनन से लदे ट्रकों को उत्तराखंड की सीमा में पहुंचाते हैं, इससे उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल सरकार को भी करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।

निर्माण सामग्री पहले अब
रेत 100 125
बजरी 100 120
धुली बजरी 100 125
डस्ट 90 120
नोट: दर रुपए प्रति कुंतल में

बरसात में नदियों में खनन बंद हो जाता है, इसलिए रॉ-मैटेरियल का भंडारण जरूरी है, लेकिन प्रशासन इसकी अनुमति नहीं देता है, इसलिए डिमांड बढऩे पर सप्लाई के दाम बढऩे स्वाभाविक हैैं।
राजीव मल्होत्रा, खनन व्यवसायी

अवैध खनन की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। फिलहाल इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है। यदि मामला संज्ञान में आया, तो खनन और स्टोन क्रेसर पट्टों पर कार्रवाई की जाएगी।
बीरेंद्र सिंह, जिला खान अधिकारी

मैंने मकान बनाना शुरू कर रहा था, लेकिन निर्माण सामाग्री पहले से काफी महंगी मिलने पर मैने इरादा बदल दिया है, रेट गिरने पर सोचेंगे।
बीएस नेगी, अपर तुनवाला

मैने मकान का लिंटर डाल दिया है, अब प्लास्टर करने के लिए रेत का ट्रक पहले से 7000 महंगा मिल रहा है। काफी दिक्कत है, मकान बजट से बाहर निकल गया है।
चिरंजीवी नौटियाल, ऋषि विहार

Posted By: Inextlive