- अब जमा रकम भी खत्म होने लगी कैटरर्स की

- साथ में काम करने वाले लोगों के बुरे हाल

- एडवांस लेकर कर रहे गुजारा

देहरादून,

लॉकडाउन ने जिन धंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया, उनमें कैटरिंग का व्यवसाय भी एक है। अनलॉक-5 शुरू होने तक ज्यादातर काम-धंधे शुरू हो चुके हैं और पहले से कम ही सही, लेकिन व्यवसाय फिर से स्टेबलिस्ट हो रहे हैं। लेकिन, कैटरिंग का व्यवसाय अब तक ठप पड़ा हुआ है, कब तक शुरू होगा, इस बारे में भी अब तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।

सभी तरह की पार्टियां बंद

24 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही सभी तरह की पार्टियां बंद हैं। इस दौरान शादियों के तीन सीजन निकल गये, लेकिन ज्यादातर लोगों ने या तो विवाह कैंसिल कर दिये, या बहुत छोटे स्तर पर पार्टियां आयोजित की, जिनमें कैटरर्स को किसी तरह का कोई काम नहीं मिल पाया। शादी समारोह में होने वाली बड़ी पार्टियों के अलावा छोटी-छोटी पार्टियां भी पूरी तरह से बंद हैं, यानी कि कैटरर्स को छोटे-छोटे काम भी नहीं मिल पा रहे हैं।

अनिश्चित भविष्य

कैटरर्स का भविष्य अभी में अनिश्चितता में फंसा हुआ है। नवरात्रों और उसके बाद एक बार फिर से शादियों का सीजन शुरू होने जा रहा है। आमतौर पर यह सीजन सबसे बड़ा शादी सीजन माना जाता है और इस सीजन में शादी समारोहों से जुड़े सभी व्यवसायी अच्छी धंधा करते हैं। लेकिन, इस बार क्या होगा कुछ पता नहीं है। फिलहाल शादियों में सिर्फ 50 लोगों तक की ही परमिशन है। इतने कम लोगों में कैटरर्स को अच्छा काम मिलने की कोई संभावना नहीं है।

जमा रकम भी खत्म

शादी समारोह पिछले आठ महीने से कैसे गुजारा चल रहा है। इस बारे में ज्यादातर कैटरर्स का कहना है कि अब तक जमा रकम से गुजारा चल रहा था, अब वह भी खत्म होने वाली है और धंधा कब तक शुरू हो पाएगा, इस बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है। जहां तक कैटरर्स के साथ काम करने वाली लेबर का सवाल है तो इनमें से कुछ लोग अपने घरों को चले गये हैं, कुछ सब्जी बेच रहे हैं और कुछ मजदूरी कर रहे हैं।

काम खुलने पर भी दिक्कत

कैटरर्स का कहना है कि आने वाले दिनों में यदि उनका काम खुलता भी है तब भी उनके सामने कई तरह की दिक्कतें आने वाली हैं। पहली बात तो यह है कि लोग कोरोना से इतने भयभीत हैं कि फिलहाल बाहर कुछ भी खाने से परहेज करेंगे। दूसरी समस्या लेबर की आएगी। उनके साथ काम करने वाले लोग अपने काम में एक्सपर्ट होते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर अब बाहर चले गये हैं या दूसरे धंधे करने लगे हैं। ऐसे में नये लोगों से काम करवाना मुश्किल होगा।

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मार्च के बाद से खाली बैठे हैं। बीच में कुछ शादियों में काम मिला। इनमें 50 लोगों की परमिशन थी, लेकिन 20-30 लोग ही पहुंचे, उनमें से भी ज्यादातर ने खाना नहीं खाया। अब लोग छोटे बजट में काम चला रहे हैं। घर की गली या छत पर टैंट लगाकर शादियां निपटाई जा रही हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में कैटरिंग का धंधा चलना बहुत मुश्किल है।

केशर सिंह रावत, टैंट एंड कैटरिंग

हमारा काम आमतौर पर वेडिंग प्वॉइंट्स में चलता है। मार्च से वेडिंग प्वॉइंट बंद हैं और हमारा धंधा चौपट है। नवरात्र के बाद से कुछ उम्मीद हो सकती है, लेकिन 50 लोगों से ज्यादा की परमिशन नहीं मिली तो धंधा नहीं चल पाएगा। फिलहाल हालात ये हैं कि लोग बाहर का खाना खाने में डर रहे हैं। जमा रकम भी खत्म हो रही है। साथ में काम करने वाली लेबर का भी बुरा हाल है।

दिनेश चंद्र गौड़, कैटरर्स

Posted By: Inextlive