-जेलों में सुविधा मामले में सरकार ने हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब

-पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर व चम्पावत में नई जेल बनाने का प्रस्ताव

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नैनीताल : राज्य में पहले चरण में कारागार देहरादून, हरिद्वार व उपकारागार हल्द्वानी में सीसीटीवी लगाए जाने का निर्णय लिया गया है। दूसरे चरण में राज्य की अन्य सभी जेलों में सीसीटीवी लगाए जाएंगे। कैदियों को रोजगार के लिए कौशल विकास योजना से जोड़ा जा रहा और उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए आर्ट ऑफ लिविंग का सहारा लिया जा रहा है। पिथौरागढ़, चम्पावत व ऊधमसिंह नगर जिले में नई जेल बनाने का प्रस्ताव है। सरकार की ओर से हाई कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र में यह बातें कही गई हैं। अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

याचिका पर सुनवाई

मंगलवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में रामचंद्र उर्फ राजू व संतोष उपाध्याय की अलग-अलग जनहित याचिका पर एक साथ सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से शपथ पत्र पेश किया गया। याचिका में प्रदेश की जेलों में सीसीटीवी व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में एक आदेश जारी कर सभी राज्यों से जेलों में सीसीटीवी लगाने व मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही खाली पड़े राज्य मानवाधिकार आयोग के पदों को भरने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता का कहना था कि पांच साल साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है। सरकार ने अपने जवाब में बताया कि देहरादून कारागार की क्षमता 580 के स्थान पर 1421 कैदी, हरिद्वार में 840 की क्षमता में 1328 और सब जेल हल्द्वानी में 382 की जगह 1756 कैदी है। तीनों जेलों की क्षमता 3540 है और यहां 6608 कैदी हैं।

Posted By: Inextlive