- हिमाचल प्रदेश की एक फैक्ट्री ने कचरा लेने पर जताई सहमति

- यूपी और राजस्थान की फैक्ट्रियों से भी चल रही बात

देहरादून,

दून के कचरे को अब रिफ्यूज्ड डेराइव्ड फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करने का रास्ता खुल गया है। हिमालय प्रदेश में एक सीमेंट फैक्ट्री ने इस कचरे का इस्तेमाल करने की हामी भर दी है। इसके अलावा राजस्थान और यूपी की कुछ सीमेंट फैक्ट्रियों में यहां का कचरा भेजा जा रहा है।

शीशमबाड़ा प्लांट की अब जगह नहीं

देहरादून और मसूरी का वेस्ट अलग-अलग जगहों पर कलेक्ट करके शीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में डंप किया जाना है। पहले इस वेस्ट का अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल करने की योजना थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। पिछले कई सालों से दून का कचरा शीशमबाड़ा में डंप किया जा रहा है। यहां कचरे का बड़ा पहाड़ खड़ा हो गया था। लगातार बदबू फैलने के कारण आसपास के लोग भी इसका कड़ा विरोध कर रहे थे।

सस्ता पड़ता है आरडीएफ

बताया जाता है कि आरडीएफ यानी रिफ्यूज्ड डेराइव्ड फ्यूल फैक्ट्री चलाने के लिए कोयले के मुकाबले काफी सस्ता पड़ता है। भारत सरकार की गाइडलाइंस में भी कुछ क्वांटिटी में कचरे को फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। जानकार बताते हैं कि कोयले की तुलना में आरडीएफ 90 परसेंट से कम कीमत में पड़ता है। ऐसे में ज्यादातर कंपनियां अब तय क्वांटिटी में इसका इस्तेमाल करने का प्रयास कर रही हैं।

दून में लगातार 60 टन वेस्ट रोज

एक अनुमान में अनुसार देहरादून और मसूरी में सामान्य दिनों में हर दिन 60 टन से ज्यादा वेस्ट निकलता है। कचरे को कलेक्ट करने का काम प्राइवेट एजेंसियां करती हैं। सिटी का वेस्ट कलेक्ट करने के लिए कारगी के पास डंपिंग ग्राउंड बनाया गया है। यहां से कचरा शीशम बाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट प्लांट में भेजा जाता है।

प्लास्टिक अब भी बड़ी समस्या

दून में निकलने वाले वेस्ट का एक बड़ा हिस्सा अब भी सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट है। शीशमबाड़ा में बने कचरे के पहाड़ की बड़ी वजह भी प्लास्टिक कचरा ही है। सिटी को कई बार सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री करने के अभियान चलाये गये, लेकिन अब भी सिटी में इस तरह का प्लास्टिक भारी मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा है।

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शीशमबाड़ा में कचरे की कोई समस्या नहीं है। यहां से कचरा राजस्थान और यूपी के फैक्ट्रियों में पहुंचाया जा रहा है। हिमाचल में कचरा भेजने के काम में कोविड के कारण ब्रेक लग गया था, लेकिन अब वहां से मैसेज आ चुका है। जल्दी ही हिमाचल की सीमेंट फेक्ट्री में इस पहुंचाया जाएगा।

डॉ। आरके सिंह, सीनियर हेल्थ ऑफिसर

नगर निगम देहरादून

Posted By: Inextlive