खत उपलगांव के ठाणा में रात्रि प्रवास को आए चालदा महासू की देव पालकी ने मंगलवार को बागड़ी की पूजा-अर्चना के उपरांत समाल्टा खत के लिए प्रस्थान किया। ठाणा गांव से गाजे-बाजे के साथ निकली देवता की प्रवास यात्रा में हजारों श्रद्धालु पहुंचे। ग्रामीणों ने परंपरागत तरीके से देवता को विदाई दी। करीब पंद्रह किमी की लंबी पैदल यात्रा कर देव पालकी समाल्टा पहुंची। इस दौरान देव यात्रा का जगह-जगह पर भव्य स्वागत किया गया।


देहरादून (ब्यूरो)। जौनसार के समाल्टा खत में 66 बरस बाद सिद्धपीठ हनोल मंदिर के चालदा महासू की प्रवास यात्रा समाल्टा मंदिर पहुंची। अरसे बाद बरवांश की पूजा-अर्चना को समाल्टा व उद्पाल्टा खत के प्रवास पर आए चालदा महासू देवता का ग्रामीणों ने परंपरागत तरीके से स्वागत किया। ग्रामीणों ने देवता के आगमन की खुशी में पुष्प वर्षा की। सोमवार को मोहना मंदिर से बागड़ी की पूजा-अर्चना को रात्रि प्रवास पर उपलगांव खत के ठाणा गांव पहुंची देव पालकी ने मंगलवार दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे समाल्टा खत के लिए प्रस्थान किया। ठाणा से निकली देवता की प्रवास यात्रा पुरोड़ी, रामताल गार्डन व बिरमोऊ-कांडी होकर देर शाम को समाल्टा मंदिर पहुंची। देवता के स्वागत को रामताल गार्डन में जौनसार के खत शैली से जुड़े 24 गांवों के लोग गाजे-बाजे के साथ पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने छत्रधारी चालदा महासू के दर्शन कर अपने घर-परिवार व क्षेत्रवासियों के खुशहाली की कामना की। देवता के आगमन की खुशी में खत शैली के ग्रामीणों ने रामताल गार्डन के चौलीथात में हारुल के साथा सामूहिक तांदी नृत्य की प्रस्तुति से चालदा महासू की स्तुति की। इस मौके पर शांठीबिल के बजीर दीवान सिंह राणा, सदर स्याणा अर्जुन सिंह, संयुक्त निदेशक सूचना एवं लोक संपर्क विभाग उत्तराखंड कलम सिंह चौहान, चालदा मंदिर समिति के अध्यक्ष सरदार सिंह तोमर, पूर्व प्रधान रणवीर सिंह चौहान, एसएमआर डिग्री कालेज के चेयरमैन अनिल सिंह तोमर, चतर सिंह, चंचल सिंह, गंगा सिंह, रणवीर सिंह तोमर, राजेंद्र जोशी, बलवीर सिंह चौहान, संसार सिंह, जवाहर दास मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive