- गंगोत्री-यमुनोत्री दर्शनों को नहीं पहुंचा एक भी यात्री, तीर्थ पुरोहित भी कर रहे यात्रा का विरोध

- बदरीनाथ में 600 यात्रियों के रुकने की व्यवस्था, लेकिन फिलहाल किसी भी यात्री को रुकने की अनुमति नहीं

GARHWAL: प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बुधवार से उत्तराखंड के लोगों के लिए चारधाम यात्रा शुरू हो गई। बदरीनाथ धाम में पहले दिन 70 लोगों ने दर्शन किए। इनमें 25 यात्री अन्य जिलों के हैं। केदारनाथ धाम भी पहले दिन 70 यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे। इनमें 36 यात्री प्रदेश के विभिन्न जिलों के थे। जबकि, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में एक भी यात्री दर्शनों को नहीं पहुंचा। दोनों धाम के तीर्थ पुरोहित भी यात्रा शुरू किए जाने का विरोध कर रहे हैं।

उत्तराखंड के लोगों को यात्रा की परमिशन

राज्यभर के लोगों को यात्रा की परमिशन दिए जाने के बाद पहले दिन कुल 70 लोगों ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। इनमें 45 यात्री चमोली और 25 यात्री ऋषिकेश, देहरादून व अल्मोड़ा समेत अन्य मैदानी जिलों के हैं। सभी यात्रियों को दर्शन करने के लिए प्रार्थना मंडप में एक-एक मिनट का समय दिया गया। दर्शनों के बाद प्रशासन ने सभी यात्रियों को जोशीमठ वापस लौटा दिया। प्रशासन के दावों के बावजूद धाम में यात्रा व्यवस्थाएं न होने से यात्रियों को परेशानी भी झेलनी पड़ी। डीएम स्वाति एस। भदौरिया ने बताया कि धाम में 600 से अधिक लोगों को ठहराने की व्यवस्था है, लेकिन फिलहाल यात्रियों को रुकने की परमिशन नहीं दी जा रही है। बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं के प्रसाद चढ़ाने और मंदिर की घंटियां बजाने पर पाबंदी है। उन्हें चंदन का टीका भी नहीं लगाया जा रहा और प्रसाद के नाम पर दूर से ही तुलसी की पत्तियां भेंट की जा रही हैं। इसके अलावा शाम चार बजे के बाद यात्री लामबगड़ स्लाइड जोन से आगे नहीं जा सकते। जबकि, बदरीनाथ धाम से उन्हें शाम सात बजे से पहले जोशीमठ के लिए वापसी करनी होगी।

मंदिर को खोलने व बंद करने का समय बदला

बदरीनाथ मंदिर के खुलने व बंद करने के समय भी बदलाव किया गया है। पहले सुबह पांच से दस बजे तक मंदिर खुला रहता था, लेकिन अब दोपहर 12 बजे तक मंदिर को खुला रखा जा रहा है। इसी तरह पहले दोपहर के विश्राम के बाद शाम पांच बजे मंदिर खोला जाता था, लेकिन अब दोपहर बाद तीन बजे मंदिर को खोला जा रहा है।

केदारनाथ में सिर्फ एक दिन रुकने की अनुमति

RUDRAPRAYAG: केदारनाथ धाम में पहले दिन अल्मोड़ा, चंपावत, देहरादून, बागेश्वर, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी जिलों से 36 यात्री दर्शनों को पहुंचे। इसके अलावा 34 यात्री रुद्रप्रयाग जिले से थे। सभी को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के तहत दो-दो की संख्या में सभामंडप से बाबा केदार के दर्शन कराए गए। यात्रा गाइडलाइन के अनुसार कोई भी यात्री सिर्फ एक दिन ही केदारनाथ में रुक सकता है। उधर, डीएम वंदना सिंह ने बताया कि केदारनाथ आने से पूर्व यात्रियों को चारधाम देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट badrinath-kedarnath.gov.inपर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

गंगोत्री-यमुनोत्री के दर्शनों को नहीं पहुंचे यात्री

UTTARKASHI: गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में एक भी यात्री दर्शनों को नहीं पहुंचा। इसके चलते दोनो धाम और पड़ावों में सन्नाटा पसरा रहा। जानकीचट्टी से लेकर यमुनोत्री जाने के लिए तो अभी घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी की निविदा तक नहीं हुई है। यहां तक कि दोनों धाम में यात्रियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं भी नहीं की गई हैं। हालांकि, जिला प्रशासन का दावा है कि गंगोत्री धाम व जानकीचट्टी में स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम के बंगलों में यात्रियों के खाने-ठहरने की व्यवस्था की गई है।

Posted By: Inextlive