- सिटी के कुछ एरियाज में है स्मार्ट एंड सेफ फुटपाथ की योजना

- आम लोगों की राय लेकर तैयार किये जाएंगे फुटपाथ

देहरादून,

देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रयास में जुटे देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने भी फुटपाथों को लेकर एक योजना बनाई है। इस योजना में बच्चों का खास ध्यान रखा गया है। इस योजना में फुटपाथों के साथ ही सड़कों को भी चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाना है। इसके साथ ही फुटपाथ को बुजुर्गो, महिलाओं और दिव्यांग जनों के लिए लायक भी बनाया जाना है। इस परियोजना को चाइल्स फ्रेंडली फुटपाथ नाम दिया गया है। पिछले वर्ष 18 दिसंबर को इस परियोजना की शुरुआत भी कर दी गई थी, लेकिन चाइल्ड फ्रेंडल फुटपाथ और रोड का सपना कब तक साकार हो सकेगा, इस बारे में अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है।

क्या है योजना

डीएससीएल की फुटपाथ संबंधी योजना में बच्चों के साथ ही बुजुर्गो, महिलाओं और दिव्यांग जनों को भी शामिल किया जाना है। प्रोजेक्ट के तहत फुटपाथों को इस तरह से डेवलप किया जाना है कि बच्चे फुटपाथों के जरिये कुछ न कुछ सीखते हुए अपने घर से स्कूल और स्कूल से घर जा सकें। इसके साथ ही दिव्यांग जनों, सीनियर सिटीजंस और महिलाओं के लिए फुटपाथ सुविधाजनक हों।

लोगों को ली जाएगी सलाह

फुटपाथों को दुरुस्त करने से पहले सिटीजंस और खासकर पैरेंट्स से सुझाव मांगने की योजना है। उन्हें पूछा जाएगा कि सिटी में फुटपाथ कैसे हों, जिससे बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और दिव्यांग जना सुविधाजनक तरीके तरीके से पूरी तरह से सेफ रहकर उनका इस्तेमाल कर सकें। सिटी का फुटपाथ को दूनाइट्स कैसा देखना चाहते हैं, इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा।

मेयर ने किया था उद्घाटन

सिटी के चाइल्ड फ्रेंडली स्मार्ट फुटपाथ और रोड बनाने संबंधी परियोजना का बाकायदा उद्घाटन भी हो चुका है। पिछले वर्ष 18 दिसंबर को मेयर सुनील उनियाल गामा ने इस परियोजना का ईसी रोड पर आयोजित एक समारोह में उद्घाटन किया था। इस समारोह में कई बड़े अधिकारी भी शामिल थे। कहा गया था इस परियोजना के क्रियान्वयन में अथीना इंफोनॉमिक्स कंपनी का टेक्निकल सहयोग लिया जा रहा है.कक

उद्घाटन से आगे नहीं बढ़ा काम

उद्घाटन के 4 महीने बाद भी स्मार्ट फुटपाथ का प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया है। हालांकि डीएससीएल के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में स्मार्ट रोड और स्मार्ट चौराहे भी शामिल हैं। फिलहाल लोगों से सुझाव मांगे जा रहे हैं कि वे अपने शहर के फुटपाथ, रोड और चौराहों को कैसा देखना चाहते हैं।

क्या है पार्षदों की राय

फुटपाथ तो शहर में हैं ही कहां? जो कहीं हैं भी तो वे लोगों ने घेर रखे हैं। शहर में फुटपाथों की हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं है। पलटन बाजार, मोती बाजार सहित सभी प्रमुख बाजारों में फुटपाथों पर कब्जा है। इससे पैदल चलने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। राजपुर रोड पर फुटपाथों की स्थिति कुछ ठीक है। पूरे शहर में इसी तरह के फुटपाथ की व्यवस्था होनी चाहिए।

डॉ। वीरेन्द्र पाल, पार्षद वार्ड 16

नेता विपक्ष, नगर निगम

फुटपाथों की व्यवस्था बहुत खराब है। हर जगह फुटपाथों पर कब्जे किये गये हैं। कुछ फुटपाथों पर दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। कुछ पर लोग कंस्ट्रक्शन मैटेरियल रख देते हैं तो कुछ जगहों पर दुकानों या दूसरे बोर्ड लगा दिये गये हैं। कुल मिलाकर देहरादून में फुटपाथ आम लोगों के किसी काम नहीं आ रहे हैं। ऐसा लगता है, फुटपाथ चलने के लिए नहीं, अवैध कब्जे करने के लिए बने हुए हैं।

स्वाति डोभाल, पार्षद

वार्ड नंबर 100

फुटपाथ बनाने पर सरकार पैसा खर्च करती है, लेकिन इन पर लोग कब्जे कर देते हैं। शासन की भूमिका भी संदेहास्पद रहती है। कभी-कभी फुटपाथों से कब्जे हटाने का अभियान चलाया जाता है, लेकिन अधिकारियों के जाते ही फिर से फुटपाथों पर कब्जा हो जाता है। फुटपाथों को दुकानदार अपनी निजी संपत्ति समझते हैं। इस तरह के कब्जों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई ही जानी चाहिए।

रमेश कुमार, पार्षद

वार्ड नंबर 78

Posted By: Inextlive