इनॉग्रेशन के इंतजार में अटका मामला

देहरादून।

चाइल्ड फ्रैंडली थाना कोरोना की भेंट चढ़ गया है। दरअसल जैसे ही ये थाना बनकर तैयार हुआ तो लॉकडाउन होने के चलते इसका इनॉग्रेशन का प्रोग्राम बीच में ही अटक गया। ऐसे में जिन उद्देश्यों के साथ जल्द से जल्द ये थाना तैयार किया जा रहा था वो फिलहाल पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर राज्य का यह पहला चाइल्ड फ्रैंडली थाना तैयार किया गया।

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थाने में चाइल्ड जोन रेडी

डालनवाला पुलिस थाने को चाइल्ड फ्रैंडली थाना बनाया गया है। यहां पूरा चाइल्ड जोन रेडी किया गया है। जिसकी दीवारों पर छोटा भीम और डोरेमॉन की तस्वीरें बनाई गई हैं। साथ ही टैडी बियर जैसे टॉयज भी रखे गए हैं ताकि बच्चे यहां टॉयज के साथ खेल सकें। यही नहीं बच्चों के लिए बेड भी लगा है ताकि वे खेल के साथ-साथ आराम भी कर सकें और उनके लिए कॉर्टून वाली बुक्स भी इस थाने में रखी गई हैं।

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ताकि न हो डर

दअरसल रेस्क्यू होने वाले बच्चे अक्सर पुलिस की वर्दी को देखकर डर जाते थे। थानों-चौकियों में बच्चों को बिठाने के लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बच्चे डर के माहौल के बीच सही बयान नहीं दे पाते। यही वजह रही कि बाल आयोग की ओर बच्चों को हेल्दी माहौल देने के लिए इन थानों की जरूरत पर जोर दिया गया। ताकि बच्चा खेलते-खेलते हेल्दी माहौल में अपने मन की हर बात बोल दे। उसे पुलिस थाने में होने का अहसास न हो बल्कि खिलौने के बीच कंफर्ट जोन में वह हर बात आसानी से कह सके। इसके बाद स्टेट के 154 थानों में ये व्यवस्था किए जाने को लेकर प्लानिंग की जा रही थी।

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डालनवाला में बनाए गए चाइल्ड फ्रैंडली थाने का इनॉग्रेशन होना ही था कि कोरोना आ गया। अब स्थितियां सामान्य होते ही इसकी शुरुआत की जाएगी।

- ऊषा नेगी, अध्यक्ष, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग

Posted By: Inextlive