- सीएम ने किया पहले बाल मित्र थाने का इनॉग्रेशन

- अब स्टेट के बाकी 12 जिलों में भी खोले जाएंगे बाल मित्र थाने

देहरादून,

दून के डालनवाला थाना में स्टेट के पहले बाल मित्र थाने की शुरुआत हुई। इस दौरान सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बच्चों की सुरक्षा के लिए एक करोड़ के राहत कोष की भी घोषणा की। कहा, उत्तराखंड में बाल मित्र थाने के रूप में नई शुरुआत की गई है।

निराश्रित को 5 व दिव्यांगों को 4 परसेंट रिजर्वेशन

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ये पुलिस का एक महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम होगा। बच्चों को जिस माहौल में ढालना चाहें, वे उस माहौल में ढल जाते हैं। इसलिए बच्चों को बेहतर माहौल मिलना जरूरी है। बाल मित्र पुलिस थाने से लोगों को ये लगे कि बच्चों के संरक्षक आ रहे हैं, जो बच्चे अनजाने में अपनी दिशा से भटक जाते हैं। इन थानों के माध्यम से इनको सही दिशा देने के प्रयास किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से निराश्रित बच्चों के लिए सरकारी सेवाओं में 5 प्रतिशत व दिव्यांगजनों के लिए भी 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

पुलिस को मिलेंगे 13 लाख

उत्तराखंड बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि पुलिस के सहयोग से राज्य के सभी जिलों में बाल मित्र पुलिस थाने खोले जाएंगे। इन थानों में बच्चों के काउंसलिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए पुलिस विभाग को 13 लाख रुपए दिए जाएंगे।

भिक्षा नहीं, शिक्षा दो मुहिम शुरू

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि बाल मित्र पुलिस थाना से स्टेट में नई मुहिम शुरू की गई है। प्रयास है कि हर थाने को महिला व चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाए। इससे थाने के नाम से बच्चों के मन में जो भय रहता है, वह दूर होगा। स्टेट में ऑपरेशन 'मुक्ति' के तहत करीब 2200 बच्चे चिन्हित किये गये। इनको सड़कों से भीख मांगने के प्रचलन से बाहर निकाला गया। इस अभियान के तहत 'भिक्षा नहीं शिक्षा दो' की मुहिम चलाई गई। इनमें अधिकतर बच्चे ने स्कूलों में पढ़ाई शुरू कर दी है। इस मौके पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल, सचिव विनोद रतूड़ी आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive