उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका में रहा उत्तराखंड महिला मंच मंडे को अग्निपथ योजना के विरोध में सड़क पर उतरा। महिलाओं ने गांधी पार्क के बाहर प्रदर्शन किया। ज्ञापन लेने के लिए किसी प्रशासनिक अधिकारी के न पहुंचने पर महिलाएं नाराज हो गईं और राजपुर रोड पर जुलूस निकाला। महिलाओं ने घंटाघर पर कुछ देर के लिए जाम लगा दिया। इस दौरान पुलिस के साथ महिलाओं की तीखी नोक-झोंक हुई। बाद में तहसीलदार ज्ञापन लेने के लिए मौके पर पहुंचे।

देहरादून ब्यूरो। उत्तराखंड महिला मंच के इस प्रदर्शनों को कई अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया। प्रदर्शनकारियों ने थाली बजाकर और जनगीत गाकर अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया और इस योजना को जल्द वापस लेने की मांग की। मंच की ओर से ज्ञापन लेने के लिए किसी अधिकारी को भेजने की प्रशासन से मांग की गई थी। प्रशासन ने तहसीलदार को भेजने की बात कही थी। लेकिन, काफी इंतजार के बाद भी जब तहसीलदार ज्ञापन लेने नहीं पहुंचे तो प्रदर्शनकारी नाराज हो गये और गांधी पार्क से घंटाघर चौक तक जुलूस निकाला। इस दौरान राजपुर रोड पर लंबा जाम लग गया।

पुलिस के साथ नोक-झोंक
घंटाघर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने कुछ देर जाम लगा दिया। पुलिस से जाम खोलने का प्रयास किया तो महिलाओं की पुलिस कर्मियों के नोक-झोंक हो गई। बाद में पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर और तहसीलदार के पहुंचने की बात कहकर प्रदर्शनकारियों को वापस भेजा। बाद में तहसीलदार गांधी पार्क के गेट पर पहुंचे। आंदोलनकारियों ने समय पर न पहुंचने पर नाराजगी जताई और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा।

सीएम से की दो मांगें
ज्ञापन में सीएम से मांग की गई है कि वे प्रधानमंत्री को अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार करने को पत्र लिखें और राज्य में बेरोजगारों के लिए संविदा की व्यवस्था की जगह पूर्ण कालिक सरकारी नौकरी देने की घोषणा करें। महिला मंच के प्रदर्शन में किसान सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवांन, पूर्व आयुक्त एसएस पांगती, एसएफआई के हिमांशु चौहान, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट, सर्वोदय मंडल के यशवीर आर्य, पूर्व सैनिक संगठन के पीसी थपलियाल, सामाजिक कार्यकर्ता सुशील सैनी आदि कई लोगों और संगठनों ने हिस्सा लिया।

Posted By: Inextlive