दून व आसपास के कई इलाकों में पानी का संकट है। दून से करीब 20 किमी दूरी पर मौजूद ग्राम पंचायत छमरोली भैंसवाण में लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों के आरोप तो ये भी हैं कि विभाग ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ठेकेदार के साथ मिलकर बंजर भूमि पर पानी की लाइन बिछा दी। जब स्थानीय लोगों ने हंगामा किया तब जाकर विभाग वहां से उस पानी की लाइन को हटाने की बात कर रहा है। लेकिन छमरोली भैंसवाण के लोगों के आरोप हैं कि आखिर बंजर भूमि पर विभाग को पानी की लाइन बिछाने की क्या जरूरत थी।

देहरादून (ब्यूरो) मसले को लेकर ग्रामसभा छमरौली के ग्रामीणों ने हाल में सीएम को लिखे शिकायत पत्र में कहा है कि छमरौली, भैंसवाण में जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2021-22 में योजना का निर्माण कराया गया। जबकि, इन गांवों में अब तक पेयजल के नाम पर एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हुआ। जबकि, ग्राम समिति की ओर से पानी के लिए प्रस्ताव दिया गया। वहीं, विभाग ने ग्राम छमरौली के कस्बा जालसी में बंजर भूमि पर विभाग ने डेढ़ इंच की पानी की लाइन बिछा दी। आरोप हैं कि इस पाइप लाइन को लेकर ग्राम पंचायत की ओर से कोई प्रस्ताव तक नहीं दिया गया था। इसके लिए ग्रामीणों ने पूर्व प्रधान, ठेकेदार व विभाग पर आरोप लगाए हैं। कहा है कि इस पाइप लाइन के नाम पर सरकार का पैसा बर्बाद किया गया है।

सीएम ने दिए जांच के आदेश
स्थानीय निवासी मनसा राम उनियाल का कहना है कि छमरौली व भैंसवाण में लाखों रुपए की योजना आने के बाद भी ग्रामीण पानी के लिए तरस गए हैं। जबकि, यहां 50 से 60 परिवार रहते हैं। जिनको करीब एक किमी दूर से पानी लेकर आना पड़ रहा है। यही कारण है कि मायूस व हताश ग्रामीणों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी व डीएम को पत्र लिखा है। क्षेत्रवासी मनसा राम उनियाल के अनुसार डीएम ने इसको लेकर जांच के आदेश दिए हैं।

स्कूल में भी नहीं पानी
बताया गया है कि यहां स्कूल जाने वाले बच्चों को भी पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। इलाके में एक इंटर कॉलेज व एक प्राइमरी स्कूल है। जहां बच्चों को पीने तक का पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की गई। लेकिन, समस्या जस की तस बनी हुई है। पानी की किल्लत होने के कारण बच्चे सिटी के स्कूलों में पलायन करने को मजबूर हैं।

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Posted By: Inextlive