- कौलागढ़ स्थित सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर कांग्रेस और एनएसयूआई ने किया विरोध

- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत सीनियर लीडर्स ने सरकार पर किया हमला

देहरादून,

कोरोनाकाल में जेईई मेंस व नीट एग्जाम आयोजित करने को लेकर विपक्ष ने विरोध किया है। जेईई मेंस व नीट एग्जाम आयोजित करने पर दून में कांग्रेस और स्टूडेंट्स यूनियन्स ने जमकर विरोध किया। फ्राइडे को कौलागढ़ स्थित सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर कांग्रेस और एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेंस व मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह परीक्षा (नीट ) का विरोध रह रही है। फ्राइडे को सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन किए गए।

धरने पर बैठे दिग्गज

दून स्थित सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में एकत्र हुए, इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना पर बैठ गए। धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस परीक्षा को बेवजह प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर आयोजित करने की जिद पकड़ी है। सरकार की हठधíमता के खिलाफ कांग्रेस विद्याíथयों के साथ है। प्रीतम सिंह ने जेईई मेंस व नीट एग्जाम आयोजित करने पर केंद्र सरकार पर हमला बोला। प्रीतम ने कहा कि आज देश में कोरोना जिस गति से बढ़ रहा है उन हालातों में स्टूडेंट्स व पैरेंट्स में भय का माहौल है। स्टूडेंट्स की स्थिति सामान्य होने के बाद एग्जाम होने चाहिए। करीब दो घंटे विरोध प्रर्दशन को कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार ने संबोधित किया व केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री (संगठन) विजय सारस्वत, महामंत्री ताहिर अली, राजेंद्र शाह, पीके अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष लाल चंद शर्मा, पूर्व प्रवक्ता गरिमा दसौनी, पार्षद कोमल वोहरा, महेश जोशी, युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, प्रदेश महासचिव संदीप चमोली, एनएसयूआइ सौरभ ममगाईं आदि मौजूद रहे।

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स्टूडेंट्स के भविष्य की चिंता

कोरोनाकाल में एग्जाम कराने को लेकर कई मत सामने आ रहे हैं। एग्जाम को मुद्दे को राजनैतिक रंग देने से नई बहस छिड़ गई है। इधर दून के शिक्षाविद् जहां एग्जाम को कराने के पक्ष में हैं, वहीं पैरेंट्स को बच्चों की सुरक्षा का डर सता रहा है। बच्चों को मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी कराने वाले बलूनी क्लासेज के एमडी बलूनी क्लासेज का कहना है कि सालों से बच्चे इस एग्जाम के लिए तैयारी करते हैं। साथ ही वे बच्चे समझदार होते हैं, जो पूरी एहतियात बरत सकते हैं। ऐसे में एग्जाम कराना जरूरी है।

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जेईई मेंस व नीट एग्जाम समय से होने चाहिए। सालों से स्टूडेंट्स इन एग्जाम की तैयारी करते हैं। अगर एग्जाम नहीं हुए तो बच्चों का अहित होगा। जो स्टूडेंट्स इन एग्जाम को देने जा रहे हैं, वे कोविड 19 के नियमों का सही तरह से पालन कर सकते हैं।

विपिन बलूनी, एमडी बलूनी क्लासेज

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जिस तरह से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में एग्जाम कराना सही नहीं है। एक दिन में 700 से ज्यादा केस आ रहे हैं। लाखों स्टूडेंट्स एग्जाम में बैठते हैं। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा। ये बड़ा सवाल है। दूरदराज से आने वाले स्टूडेंट्स को कोविड़ का खतरा ज्यादा है।

आरिफ खान, अध्यक्ष एनएपीएसआर

Posted By: Inextlive