-कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात विधेयकों को विरोध जताया

देहरादून,

प्रदेश कांग्रेस ने लोकसभा व राज्यसभा में पारित किसान बिलों को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि देश का किसान और खेत मजदूर सड़कों पर है। केंद्र सरकार किसानों की रोजी रोटी छीन रही है और खेत-खलिहान को पूंजीपतियों की हवाले कर रही है। इसके विरोध में पार्टी पूरे स्टेट में केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान शुरु करेगी। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर उक्त तीनों विधेयकों पर विरोध भी दर्ज कराया।

तीन दिन के सत्र को एक दिन कराया गया

थर्सडे को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि लोकसभा व राज्यसभा में पारित उक्त विधेयक किसान विरोधी हैं। विधेयकों को काला कानून करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे मोदी सरकार के सबका साथ सबका विकास का मुखौटा उतर गया है। कहा, केंद्र सरकार बहुमत के बलबूते पर लगातार मनमाने फैसले लेती आई है। प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस इन विधेयकों और मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में राजभवन में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात की। कृषि विधेयकों पर विरोध दर्ज कराने के साथ राज्यपाल ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में सरकार की ओर से तीन दिनी विधानसभा सत्र को एक दिन करने के अलावा जनहित के मुद्दों को दरकिनार करने का आरोप सरकार पर लगाया। पार्टी ने कहा कि सरकार जरूरी मुद्दों पर चर्चा कराने से बची। जबकि कोरोना संक्रमण के दौर में टूरिज्म का कारोबार ठप है। बेरोजगारी बढ़ रही है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत के लिए कदम नहीं उठाए गए। कांग्रेस ने किसानों का बकाया भुगतान न करने, कानून व्यवस्था की बदहाली व केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान लागू किए जाने का भी विरोध किया। इस दौरान विधायक मनोज रावत, आदेश चौहान, ममता राकेश भी शामिल रहे।

Posted By: Inextlive