कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही अब राजधानी में मौजूद कोविड केयर सेंटर भी वीरान पड़ने लगे हैं। स्थिति ये है कि कुछ सेंटरों में तो तीन महीने से कोई भी पेशेंट्स एडमिट नहीं हुआ। जबकि एक सेंटर पर तो ताला लटका मिला है। खाली हो चुके कोविड केयर सेंटर के बीच हेल्थ डिपार्टमेंट इसको बेहतर बता रहा है। विभाग का कहना है कि फिलहाल भविष्य में ऐसी चुनौतियां सामने न आए विभाग ने इन सेंटरों को वेट एंड वाच की स्थिति में रखा है।

देहरादून (ब्यूरो)। वर्ष 2020 में जब दून सहित पूरे प्रदेश में कोविड पीक पर था और पेशेंट्स के लिए कोविड केयर सेंटरों की जरूरत पड़ रही थी। तब आनन-फानन में दून में एक के बाद एक-एक करके कई कोविड केयर सेंटर्स बनाए गए। उनमें से रायपुर स्थित राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के अलावा सर्वे चौक स्थित तीलू रौतेली वन स्टॉप सेंटर को भी कोविड केयर सेंटर बनाया गया। इसके अलावा गढ़ी कैंट स्थित अस्पताल को भी सेंटर के रूप में यूज किए जाने लगा। लेकिन, अब दून में कोविड करीब-करीब दम तोड़ते हुए नजर आ रहा है तो कोरोना मरीजों के लिए तैयार किए गए ये सभी कोविड केयर सेंटर्स खाली पड़ गए हैं।

सेंटर - तैयार - बेड क्षमता
तीलू रोतेली कोविड केयर सेंटर - मई 2020 -200 बेड
राजीव गांधी कोविड केयर सेंटर -जुलाई 2020 - 500 बेड
गढ़ी कैंट स्थित छावनी कोविड हॉस्पिटल - -मई 2021 -500

ये है कोविड केयर सेंटर की स्थिति
1- कोरोना की फर्स्ट व सेकेंड वेव में राजीव गांधी कोविड केयर सेंटर कोरोना मरीजों के लिए सबसे बड़ा सहारा बनकर सामने आया था। यहां सेकेंड वेव में करीब 350 तक पेशेंट तक एडमिट रहे। इसको तैयार करने में रायपुर विधायक निधि से एक करोड़ तक खर्च किए गए। बकायदा, संचालन का जिम्मा दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को दिया गया। लेकिन, बीते कई माह से यहां एक भी कोरोना संक्रमित पेशेंट भर्ती नहीं हो पाया। आजकल वह खाली है।

2-सर्वे चौक स्थित तीलू रोतेली वन स्टॉप सेंटर को भी कोरोना मरीजों को देखते हुए कोविड केयर सेंटर के तौर पर तैयार किया गया। जबकि इस सेंटर में डोमैस्टिक वॉयलेंस का शिकार हुई महिलाएं को शेल्टर दिया जाता था। फिलहाल यहां सेंटर संचालित है, लेकिन इस पर तीन माह से कोई पेशेंट नहीं पहुंचा है और गेट पर ताला लटा हुआ है।

3-गढ़ी कैंट हॉस्पिटल को कोविड अस्पताल के तौर पर तैयार किया गया था। विधायक व सांसद निधि से इसको तैयार करने में चार करोड़ रुपए खर्च किए गए। यहां ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट व ऑक्सीजन बेड तक की सुविधा मरीजों को देने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन, यहां भी चार महीने से कोई कोविड पेशेंट्स चैकअप तक के लिए नहीं पहुंचे हैं।

फिलहाल, इन कोविड केयर सेंटर को भविष्य में कोरोना की संभावनाओं को देखते हुए अभी भी चालू हालत में रखा गया है। जिससे जरूरत पड़ने पर इनका यूज किया जा सके। इनकी देखरेख अभी तक हेल्थ डिपार्टमेंट के अधीन है।
-तृप्ति बहुगुणा, डीजी हेल्थ।


उत्तराखंड में कोरोना के 8 मामले, 14 स्वस्थ

कोरोना से अब तक राज्य में 7396 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार निजी व सरकारी लैब से 16 हजार 539 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें 16 हजार 531 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। दून में सबसे अधिक चार लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी में 2, चमोली व पौड़ी में एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। जबकि अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी व ऊधमसिंह नगर में कोरोना का कोई नया मामला नहीं मिला है।

Posted By: Inextlive