-हरिद्वार में बसेस की एंट्री बंद करने से परेशानी

-कुमाऊं से आने वाली बसें चंडी पुल पर रोकने से भटकते रहे लोग

-शाही स्नान से पहले दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने हरिद्वार का जायजा लिया

देहरादून

कुंभ मेले के शाही स्नान और कोविड-19 की बढ़ते मामलों के बीच देहरादून और हरिद्वार के बीच आना-जाना मुश्किल हो गया है। हरिद्वार में बसेस और दूसरे व्हीकल्स की एंट्री बंद किये जाने के कारण दून और हरिद्वार के बीच आने-जाने वालों के साथ ही कुमाऊं के जिलों से देहरादून आने वालों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हरिद्वार से देहरादून आने के लिए बस न मिलने के कारण लोग दिनभर हरिद्वार में इधर से उधर भटकते रहे। खास बात यह है कि पहले से ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई थी। मंडे को सोमवती अमावस और ट्यूजडे का बैसाखी पर हरिद्वार में लगातार दो दिन शाही स्नान हैं।

भानियावाला से ही चेकिंग

संडे को देहरादून से हरिद्वार जाते हुए डोईवाला फ्लाईओवर पार करते ही भानियावाला में सबसे पहले चैकिंग की जहा रही थी। यहां करीब दो दर्जन पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे। यहां से ज्यादातर प्राइवेट फोरव्हीलर्स को वापस भेजा जा रहा था। जो फोरव्हीलर्स यहां से आगे बढ़ने में सफल हुए उन्हें नेपाली फार्म में रोक दिया गया। यहां से आगे गिने-चुने फोरव्हीलर्स और बसें ही जा पाई। हरिद्वार की सीमा में घुसने के बार भूपतवाला में भी जबरदस्त पुलिस बल और सीआरपीएफ तैनात है। यहां से आगे न किसी कार में जाने दिया जा रहा था और न बसेस को।

लोकल लोग हुए परेशान

इस कवायद में सबसे ज्यादा परेशानी देहरादून आये उन लोगों को हुई, जो वापस लौट रहे थे। भूपतवाला से लोगों को पैदल या ऑटो आदि से जाना पड़ा। हरिद्वार में ऑटो चालक दिनभर मनमानी करते रहे। कुमाऊं से देहरादून की ओर आने वाली बसेस को चंडी पुल से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। चंडी पुल पर उतर कर लोग हरिद्वार बस अड्डे पहुंचे लेकिन वहां भी कोई बस नहीं मिली। लोग किसी तरह भूपतवाला पहुंचे। दोपहर बाद देहरादून से हरिद्वार के लिए कोई बस न चलने के कारण लोगों को भूपतवाला में भी कोई बस नहीं मिली। लोग ऑटो या विक्रम लेकर किसी तरह आगे बढ़े।

दूसरे रूट पकड़ ड्राइवर्स ने

हरिद्वार में एंट्री पूरी तरह से बंद कर दिये जाने के कारण कई बस ड्राइवर्स ने वैकल्पिक रूट पकड़े। चंडी पुल पर रोक दिये जाने के बाद कुमाऊं की ओर से देहरादून आने वाली कई बसें चीला होते हुए ऋषिकेश और फिर देहरादून पहुंची। उधर दिल्ली और ऋषिकेश के बीच चलने वाले बस ड्राइवर्स ने देहरादून वाला रूट पकड़ा। खास बात यह है कि हरिद्वार में एंट्री बंद कर दिये जाने की पहले से कोई सूचना न होने के कारण रोडवेज बस ड्राइवर्स दिनभर गफलत में रहे। हालांकि पुलिस का कहना है कि पहले से रूट तय किया गया था।

ऐसे परेशान हुए लोग

मैं रुद्रपुर से सुबह चली थी। चंडी पुल से आगे बस आने दी। ऑटो वाले का 100 रुपये देकर बस अडडे पहुंची तो पता चला कि देहरादून की बस शांतिकुंज में मिल रही है। 100 रुपये देकर फिर वापस चंडीपुल आई। वहां से एक और ऑटो को 40 रुपये देकर शांतिकुंज आई। यहां भी बस नहीं मिल रही है।

प्रियंका, स्टूडेंट देहरादून

देहरादून जाने के लिए हम काफी देर तक बस अड्डे पर रहे। पता चला कि बस नहीं मिल रही है। किसी तरह ऑटो रिक्शा से शांतिकुंज पहुंचे। यहां भी बस नहीं है। अब ऑटो करके नेपाली फार्म तक जा रहे हैं। आगे देखेंगे, क्या हो सकता है। हमें शाही स्नान के बारे में जानकारी नहीं थी। ऐसा होता तो बाद में आ जाते।

राम स्वरूप, नजीबाबाद

शाही स्नान से पहले हरिद्वार सूना

सभी बॉर्डर्स से लोगों को वापस भेज दिये जाने के कारण शाही स्नान से पहले हरिद्वार में सन्नाटे जैसी स्थिति है। बड़े-बड़े स्वागत द्वार लगाये गये हैं, लेकिन आने जाने के रास्तों पर जबरदस्त बैरिकेडिंग की गई है। किसी तरह से कुंभ नगरी में पहुंच गये लोगों को भी जगह-जगह पुलिस की पूछताछ से गुजरना पड़ा रहा है। कुंभ के मौके पर हरिद्वार में पार्किंग की जगह नहीं होती, लेकिन संडे को सर्वानंद आश्रम के सामने वाली पार्किंग में इक्का-दुक्का वाहन ही थे। सड़कों पर भी आम दिनों से बहुत कम लोग नजर आये। कई बाबाओं ने कथा-सत्संग के पांडाल सजाए हैं, लेकिन प्रवचन सुनने वाला कोई नजर नहीं है। हर सड़क पर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान नजर आ रहे हैं।

Posted By: Inextlive