स्वच्छ सर्वेक्षण में देश के 372 शहरों में 82वां स्थान पाने पर अपनी पीठ खुद थपथपा कर वाहवाही बटोरने और स्वच्छ सर्वेक्षण को बड़ी उपलब्धि बताकर सैकड़ों लोगों को पुरस्कार बांटने वाला नगर निगम केंद्र सरकार द्वारा कराई गई स्वच्छता से संबंधी दो अन्य प्रतियोगिताओं में बुरी तरह पिछड़ने के बाद इस मामले में मौन साध गया है। हेबिटेट एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से कराये गये सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज और गार्बेज फ्री सिटी चैलेंज में दून बुरी तरह पिछड़ गया है। स्वच्छता मित्र सुरक्षा चैलेंज में 72 शहरों में देहरादून को 52वां स्थान मिला है जबकि गार्बेज फ्री सिटी चैलेंज में दून एक स्टार रैंकिंग ही हासिल कर सका है।

देहरादून (ब्यूरो)। यह कॉम्पिटीशन सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई जैसे खतरनाक कामों में होने वाली मानव मृत्यु के मामलों से निपटने के लिए शुरू किया गया है। पॉपुलेशन के आधार में शहरों को अलग-अलग श्रेणी में रखा गया था। देहरादून को 3 से 10 लाख पॉपुलेशन वाले शहरों की श्रेणी में रखा गया था। इस श्रेणी में देशभर के 72 शहर शामिल थे, इनमें दून को 52वां स्थान मिला। इसके अलावा 3 लाख से कम पॉपुलेशन वाले 82 शहरों को इस प्रतियोगिता में शामिल किया गया था। इस श्रेणी में उत्तराखंड के 6 शहर शामिल थे। इनमें रुड़की को 33वें स्थान पर राज्य में फर्स्ट रहा। राज्य में हरिद्वार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा।

शहरों की रैंकिंग
सिटी रैंकिंग
रुड़की 33
रुद्रपुर 40
ऋषिकेश 47
कोटद्वार 73
हल्द्वानी 77
हरिद्वार 79

गार्बेज फ्री सिटी चैलेंज
इस चैलेंज में शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए किये गये प्रयासों के लिए शहरों को 1 स्टार, 3 स्टार और 5 स्टार रेटिंग गई। इसमें डोर टू डोर गार्बेज कलेक्ट करने, स्रोत पर ही सूखे और गीले कचरे अलग करने जैसे पैरामीटर्स बनाये गये थे। इस चैलेंज में देश के 9 शहरों को 5 स्टार और 143 शहरों को 3 स्टार रैंकिंग मिली। 147 शहरों को 1 स्टार रैंकिंग मिली। इनमें उत्तराखंड के देहरादून, रुड़की और मुनि की रेती शामिल हैं।

कहां रह गई कमी
- सूखा और गीला कचरा अलग रखने के लिए दून में अब तक कोई व्यवस्था नहीं है।
- कुछ लोग घर पर सूखा और गीला कचरा अलग रखते हों तो उसे कलेक्ट करने आने वाला दोनों कचरे एक साथ मिला लेता है।
- डोर टू डोर कचरा कलेक्ट करने वाले यदि सूखा और गीला कचरा अलग करके ले जाते हैं डंपिंग प्वॉइंट पर इसे एक साथ मिला दिया जाता है।
- सफाई कर्मचारी और सफाई उपकरण जरूरत से आधे से कम हैं।
- रोज निकलने वाले करीब 400 टन गारबेज उठाने के लिए नगर निगम के पास केवल 140 व्हीकल हैं।
- 6 छोटे डंपर और 4 कॉम्पेक्टर हैं, जो जरूरत से बहुत कम हैं।
- कई वार्डों में अब तक डोर टू डोर गारबेज कलेक्ट करने की सुविधा नहीं है।
- सीवरेज की नियमित सफाई नहीं हो पाती। बार-बार सीवरेज लाइन चोक हो जाती हैं।

Posted By: Inextlive