लंबे समय से लटकने से राजस्व वादों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। राजस्व वादों के निस्तारण की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। यह प्रथा आम है कि यदि जमीन के किसी मामले को लटकाना है तो उसका बाद राजस्व कोर्ट में दाखिल कर दिया जाए। ऐसे में जनता चक्कर काटती रहती है और वाद लटकते रहते हैं। डीएम सोनिका ने इस स्थिति पर गहारी नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सप्ताह में दो दिन कोर्ट अवश्य लगाई जाए।

देहरादून (ब्यूरो) डीएम सोनिका ने वैडनसडे को राजस्व वादों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने लंबित प्रकरणों पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों व तहसीलदारों को वाद के निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही उप जिलाधिकारियों को कहा कि वह अपने स्तर पर भी राजस्व वादों की समीक्षा करें। उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट समेत उप जिलाधिकारियों व तहसीलदारों को निर्देश दिए कि सप्ताह में दो दिन कोर्ट लगाने के साथ ही तीन से पांच वर्ष तक के वादों को प्राथमिकता दी जाए। विभिन्न प्रकरणों को अभियान चलाकर भी निस्तारित करने के निर्देश जिलाधिकारी ने जारी किए।


राजस्व वादों के लंबे समय से धीमी गति से निस्तारण होना संज्ञान में आया है। इसके लिए सभी उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को कड़े निर्देश दिए हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को सप्ताह में दो दिन हर हार में राजस्व संबंधी कोर्ट लगाने के निर्देश दिए गए हैं। एक सप्ताह बाद इसकी फिर समीक्षा की जाएगी।
सोनिका, डीएम, देहरादून

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Posted By: Inextlive