दून के लोगों के लिए अच्छी खबर है। शहर की दो बड़ी नदियों के बीचों-बीच प्रस्तावित एलिवेटेड रोड का सर्वे शुरू हो गया है। शासन के सामने फिजिबिलिटी रिपोर्ट पेश की गई जिसके बाद प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई। इसके बाद एलीवेटेड कोरिडोर के निर्माण की कवायद आगे बढ़ गई है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है किएलिवेटेड रोड के लिए सर्वे का कार्य शुरू हो गया है। सर्वे रिस्पना नदी से शुरू किया गया है। सर्वे का काम पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जाएगी। यदि सब कुछ ठीक-ठीक रहा तो शहरवासियों को 2025 से पहले एलीवेटेड रोड की सौगात मिल सकती है।

देहरादून (ब्यूरो)। एलिवेटेड रोड के बन जाने से शहर पर बड़ा टै्रफिक डायवर्ट हो जाएगा। जिससे शहर के लोगों को जाम से निजात मिल सकेगी। एक तरह से यह एलीवेटेड रोड रिंग रोड का काम करेगी। मसूरी आने वाले पर्यटकों को भी अनावश्यक जाम से नहीं जूझना पड़ेगा।

10.2 और 11.8 किमी लंबी रोड्स
देहरादून में पहली एलिवेटेड रोड विधानसभा के पास रिस्पना पुल से शुरू होकर राजपुूर रोड से सटे नागल पुल पर जुड़ेगी, दूसरी एलिवेटेड रोड पटेलनगर क्षेत्र में लालपुल से न्यू कैंट रोड के हाथीबड़कला जंक्शन पर जुड़ेगी। इस रोड का उद्देश्य शहर में बाहर से आने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश कराए बिना मूसरी रोड से जोड़ना है।

1000 करोड़ खर्च का अनुमान
एलिवेटेड रोड पर सर्वे और डीपीआर बनने के बाद योजना की फंडिंग में पेंच आ सकता है। इस प्रोजेक्ट पर करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च होना का अनुमान है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि इस पर करीब एक हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, हालांकि एग्जिट लागत डीपीआर बनने के बाद ही पता चल पाएगी। प्रोजेक्ट की फंडिंग कहां से होगी इस पर अभी तक कोई राय नहीं बन पाई है।

4 से 6 लेन की होगी रोड
एलिवेटेड रोड का निर्माण अगले 100 साल की यातायात जरूरतों को देखते हुए तैयार किया जाएगा। दोनों नदियों पर पिलर के सहारे रोड को बनाया जाएगा। एलिवेटेड रोड को चार से छह लेन में बनाया जाएगा। नदी के दोनों किनारों को कवर करते हुए रोड का निर्माण किया जाएगा।

Posted By: Inextlive